मायावती : पर्यटन को बढ़ावा देने में असफल रही बीजेपी

बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधा. मायावती ने कहा, केंद्र और उत्तराखंड की भाजपा गवर्नमेंट की नीतियां जनविरोधी हैं. राज्य में पर्यटन बढ़ाने में भी गवर्नमेंट असफल रही है.
दरअसल, अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में बसपा पूरी तरह से जुट गई है. पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने यूपी के बाद उत्तराखंड राज्य के पार्टी पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की.
बैठक में मायावती ने उत्तराखंड में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर बल दिया. वहीं, जनाधार को बढ़ाने के लिए भी वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन किया. बसपा मुखिया ने पार्टी की कमियों को दूर करने और लोगों को साथ जोड़ने पर विशेष जोर दिया.
उन्होंने कार्यकर्ताओं से लोगों तक पहुंचने और बसपा की नीतियों के बारे में बताने का निर्देश दिया. मायावती ने कहा, कार्यकर्ता लोगों को बताएं कि यूपी से पृथक होने से पहले कैसे आज के उत्तराखंड में बसपा की गवर्नमेंट ने अनेक विकास कार्य किए थे.
आइए बसपा के पुराने रिकॉर्ड पर भी नजर डालें
उत्तराखंड में बीएसपी के प्रदर्शन पर नजर डालें, तो यूपी से अलग होने के बाद वर्ष 2002 में उत्तराखंड में हुए पहले विधानसभा चुनाव में बसपा ने 11 प्रतिशत से भी अधिक वोटों के साथ सात सीटें हासिल की थीं. पार्टी को हरिद्वार में पांच और उधमसिंहनगर में दो सीटें मिली थीं.
इसी तरह 2007 के चुनाव में बीएसपी को 11.7 फीसदी मत के साथ आठ सीटें हासिल हुईं. ये अब तक का बसपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. इसके बाद साल 2012 के चुनाव में बसपा का वोट शेयर तो 12.3 फीसदी पर पहुंच गया लेकिन सीटें घटकर तीन रह गईं. फिर, वर्ष साल 2017 में बीसपी उत्तराखंड में अपना खाता भी नहीं खोल पाई.
हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को राज्य में करीब पांच फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें मिलीं. पार्टी ने राज्य की 70 में से 54 सीटों पर चुनाव लड़ा था. ये आंकड़ा इस लिहाज से भी अहम है, कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी में बसपा को महज 1 ही सीट पर जीत हासिल हुई.