बिहार

एसकेएमसीएच से लेकर सदर अस्पताल तक संक्रामक और टीबी रोगियों के लिए नहीं है अलग वार्ड

बिहार न्यूज़ डेस्क  एसकेएमसीएच से लेकर सदर तक हॉस्पिटल तक संक्रामक और टीबी मरीजों के लिए अलग वार्ड नहीं है यहां सामान्य रोगियों के साथ ही संक्रामक बीमारी के रोगियों को भी रखा जा रहा है संक्रामक मरीजों के साथ एक ही वार्ड में रखे जाने से सामान्य रोगियों को भी टीबी होने का खतरा बढ़ रहा है

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने साल 25 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है ऐसे में उत्तर बिहार के बड़े हॉस्पिटल में टीबी रोगियों के लिए एक वार्ड तक नहीं होना, अभियान की कामयाबी पर प्रश्न खड़े कर रहा है

इस मामले में एसकेएमसीएच की अधीक्षक प्रो कुमारी विभा ने कहा कि टीबी वार्ड के लिए कोशिश किया रहा है जल्द ही इस पर कोई काम प्रारम्भ किया जाएगा

23 के गैप असेसमेंट को भी नहीं किया पूरा : एसकेएमसीएच में जून 23 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य संस्थाओं ने गैप असेसमेंट किया था इस जांच में कई बिंदुओं पर सुधार को बोला गया था, लेकिन इनमें कई चीजों में सुधार नहीं हो सका है यह गैप असेसमेंट संक्रमण नियंत्रण के लिए किया गया था इस जांच में डब्लयूएचओ के अतिरिक्त एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी थे

टीबी रोगियों के बलगम से फैल रहा संक्रमण

एसकेएमसीएच में टीबी रोगियों के बलगम से भी संक्रमण फैल रहा है पिछले साल गैप असेसमेंट की रिपोर्ट में बोला गया था कि रोगी को आइसोलेट कर बलगम की जांच नहीं हो रही है इसके अतिरिक्त टीबी रोगियों के लिए अलग से शौचालय भी नहीं है रिपोर्ट में बोला गया था कि हॉस्पिटल में टीबी को लेकर जागरूकता भी नहीं फैलाई जा रही है

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