राष्ट्रीय

लू से बचने व धूप में नहीं निकलने का अलर्ट जारी

जिले में लगातार तेज धूप और गर्मी से जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. तापमान 39 डिग्री तक पहुंच गया है. वहीं इस दौरान आद्रता में भी कमी देखी गई. गर्मी से लोग परेशान रहे. सुबह से ही कड़क धूप के कारण दिनचर्या प्रभावित होने लगी है. चल रही तेज सूखी पछुआ हवा के कारण नौ बजे से सड़कों पर आवागमन स्थिर होने लगा है. लोग घरों में ही सिमटने लगे हैं. सुबह साढ़े छह बजे से ही धूप में कड़क नजर आने लगी थी. दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, वाहनों के आवागमन में कमी रही. यात्री छांव में स्वयं को बचाते नजर आए. दिन भर मौसम में गर्मी बरकरार रही, दोपहर में वायुमंडल की आद्रता घट कर 20 फीसदी से नीचे गिर गई. इधर गवर्नमेंट द्वारा बढ़ती तपीश को लेकर लू चलने की स्थिति को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जिसमें आमजन की कठिनाई को लेकर प्रशासन को प्रबंध पूर्ण करने और लू से बचाव को लेकर जागरूकता चलाने पर बल दिया है. पीएचईडी को सभी खराब चपाकलों को शीघ्रता से मरम्मत करने के साथ ही जलसंकट से निबटने के लिए तैयारी रखने का निर्देश दिया गया है. विभाग को भूगर्भ जलस्तर पर लगातार नज़र करने का निर्देश दिया गया है. वहीं नगर विकास एवं आवास विभाग को सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ चालू करने एवं लू से बचने के तरीका संबंधी सूचना लोगों तक पहुंचाने की प्रबंध करने का निर्देश दिया गया है. इधर स्वास्थ्य विभाग को लू से प्रभावितों के उपचार के लिए विशेष प्रबंध तैयार रखने का निर्देश मिला है. गर्मी के मौसम में खेतों की जुताई बहुत लाभकारीश खरीफ को होगा लाभ कृषि वैज्ञानिक डाक्टर राम ईश्वर ने किसानों को तुरन्त ही गेहूं और अन्य रबी फसल की कटनी कर सुरक्षित करने की राय दी है. इसके साथ ही आम और लीची के बागानों की सिंचाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इस मौसम में खेतों की जोताई के बाद छोड़ना काफी फायदेमंद होता है. जहां एक तरफ खेतों में पल रहे नुकसान कारक कीटाणुओं का नाश होता है वहीं धूप से मिट्टी में पोषक तत्व की वृद्धि होती है. उन्होंने ने किसानों को तुरन्त जुताई कर कुछ छोड़ने के बाद मरूआ रोपने की राय दी, वहीं खेतों की सिंचाई करने के बाद हरा खाद के लिए मूंग और ढ़ईचा की बोआई करने को प्रोत्साहित किया. बोला मानसून के दौरान इसकी जोताई कर खेतों में मिला देने पर मिट्टी को बहुत फायदा होता है. ये खेतों के लिए आर्गेनिक खाद है. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति में काफी वृद्धि होती है.

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