अंतर्राष्ट्रीय

नए फरमान में महिला-पुरुषों के तंग कपड़े पहनने पर लगा पाबंदी

अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान स्त्रियों पर अब तक कई तरह की कठोर पाबंदियां लगा चुका है. तालिबना गवर्नमेंट ने अब अपने एक नए फरमान में महिला-पुरुषों के तंग कपड़े पहनने पर पाबंदी लगा दी है. गवर्नमेंट ने बोला कि इस ढंग के कपड़े पहनना अफगानिस्तान संस्कृति के विरुद्ध हैं. ये प्रतिबंध अफगानिस्तान के बामियान में लगाए गए हैं. तालिबान प्रशासन ने वहां के दुकानदारों को तंग और पतले कपड़े हटाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बोला कि ये शरिया और अफगानी संस्कृति के उल्टा है.

तंग, पतले और छोटे कपड़े न पहनने का आदेश 

सदाचार विभाग ने इसे पश्चिमी संस्कृति की नकल बताते हुए प्रांत के नागरिकों को तंग, पतले और छोटे कपड़े न पहनने का आदेश दिया. अफगानिस्तान के सदाचार विभाग ने बोला कि हम मुसलमान हैं और हमारी संस्कृति इस्लामी है. हमें ऐसे कपड़े आयात करने चाहिए, जो अफगान संस्कृति और परंपरा के अनुरूप हो. उन्होंने पश्चिमी शैली के कपड़ों के आयात न करने की राय दी है. सदाचार विभाग के प्रमुख महमूदुल हसन मंसूरी ने बोला कि इस तरह के कपड़े हमारी संस्कृति के विरुद्ध हैं, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है.

“फैसले से खुश, क्योंकि हम सभी मुसलमान हैं”

विभाग के इस निर्णय का कुछ सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत करते हुए बोला कि बामियान में महिलाएं पहले से ही हिजाब का पालन कर रही हैं. सांस्कृतिक कार्यकर्ता ज़ैनब सदात ने कहा, “हम स्त्रियों ने हमेशा हिजाब का पालन किया है और यह हमारी इस्लामी ज़िम्मेदारी है.” इस बीच, कुछ दुकानदारों ने बोला कि उन्हें अपनी दुकानों से पतले और चुस्त कपड़े हटाने का आदेश दिया गया है. एक दुकानदार अली रिज़ा ने कहा, “उन्होंने हमें छोटे, तंग और पतले कपड़े आयात न करने का निर्देश दिया है. हम इस निर्णय से खुश हैं, क्योंकि हम सभी मुसलमान हैं.

पाबंदी में 60,000 स्त्रियों ने खो दी नौकरी

बता दें कि कुछ दिनों पहले संयुक्त देश के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने तालिबान से अफगानिस्तान की स्त्रियों पर से कठोर पाबंदी हटाने और उन्हें काम करने और बिजनेस चलाने की इजाजत देने को बोला था. 13 सितंबर को मानवाधिकार परिषद के 54वें नियमित सत्र में बोलते हुए बेनेट ने बोला कि अंतरिम अफगान गवर्नमेंट की हालिया पाबंदियों की वजह से 60,000 स्त्रियों ने अपनी नौकरियां खो दी हैं.

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