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Hardeep Singh Nijjar Killing: इस मामले में कनाडा पुलिस ने 3 भारतीयों को किया गिरफ्तार

ओटावा: पिछले वर्ष हिंदुस्तान द्वारा नामित खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर के सिलसिले में शुक्रवार को कनाडा में तीन संदिग्धों को अरैस्ट किया गया. हरदीप सिंह निज्जर मौत से हिंदुस्तान और कनाडा के बीच बड़ा टकराव पैदा हो गया था. रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने अब उन तीनों आरोपियों की फोटोज़ और पहचान जारी की है, जिन्हें अल्बर्टा के एडमोंटन शहर में अरैस्ट किया गया था.

इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेटिव टीम (आईएचआईटी) ने तीनों की पहचान की घोषणा की – करण बराड़, 22, कमलप्रीत सिंह, 22 और करणप्रीत सिंह, 28. इन सभी पर फर्स्ट-डिग्री मर्डर और मर्डर की षड्यंत्र रचने का इल्जाम लगाया गया है. हत्या उन्हें अल्बर्टा आरसीएमपी, आईएचआईटी जांचकर्ताओं और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सदस्यों की सहायता से शुक्रवार को अरैस्ट किया गया.

तीनों आरोपियों की तस्वीरों के साथ, कनाडाई पुलिस ने उस कार की फोटोज़ भी जारी की हैं, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि मर्डर से पहले सरे क्षेत्र में और उसके आसपास संदिग्धों ने इसका इस्तेमाल किया था. आरसीएमपी के सहायक आयुक्त डेविड टेबौल ने कहा.  “निज्जर की मर्डर में कथित संलिप्तता के लिए तीन संदिग्धों को अरैस्ट किया गया है और उन पर इल्जाम लगाए गए हैं… हम सबूतों की प्रकृति पर कोई टिप्पणी करने में सक्षम नहीं हैं… हालांकि, मैं कहूंगा कि यह मुद्दा बहुत एक्टिव जांच के अधीन है.

कनाडाई पुलिस का बोलना है कि जांच अभी भी जारी है

कनाडाई नागरिक निज्जर की 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात लोगों ने गोली मारकर मर्डर कर दी थी. “जांच यहीं समाप्त नहीं होती है. इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) के प्रभारी अधिकारी अधीक्षक मनदीप मुकर ने कहा, हम जानते हैं कि ऐसे अन्य लोग भी हैं जिन्होंने इस हत्याकांड में किरदार निभाई है और हम उनमें से हर एक की पहचान करने और उसे अरैस्ट करने के लिए समर्पित हैं.

इससे पहले, हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर का एक कथित वीडियो फुटेज, जिसे 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आतंकी नामित किया गया था, औनलाइन सामने आया था. कनाडा स्थित सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में निज्जर को हथियारबंद लोग गोली मारते हुए देख रहे हैं, जिसे ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ कहा गया है. वीडियो में निज्जर को अपने ग्रे डॉज राम पिकअप ट्रक में गुरुद्वारे की पार्किंग से निकलते हुए दिखाया गया है.

सूत्रों ने बोला कि कनाडाई जांचकर्ताओं ने कथित हिट दस्ते के सदस्यों की पहचान की है, जिन्हें कुछ महीने पहले कनाडा में शुक्रवार को अरैस्ट किया गया था और उन्हें कड़ी नज़र में रखा गया है. रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस द्वारा शुक्रवार को गिरफ्तारियों की घोषणा करने और अपनी जांच के कुछ विवरण साझा करने की आशा है.

पुलिस कर्मियों ने हिंदुस्तान से किसी भी संबंध का कोई सबूत नहीं दिया है जैसा कि कनाडाई मीडिया में संभावना व्यक्त किया जा रहा था, जिसमें पिछले वर्ष सितंबर में कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए बम विस्फोट के इल्जाम भी शामिल थे. हिंदुस्तान ने बार-बार आरोपों का खंडन किया है और उन्हें “बेतुका और प्रेरित” कहा है.

भारत-कनाडा संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर

पिछले वर्ष सितंबर में निज्जर की मर्डर में भारतीय एजेंटों की “संभावित” संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद हिंदुस्तान और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था. नयी दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया. ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, हिंदुस्तान ने ओटावा से समानता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा. इसके बाद कनाडा ने 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को हिंदुस्तान से वापस बुला लिया.

भारत इस बात पर बल देता रहा है कि कनाडा के साथ उसका “मुख्य मुद्दा” उस राष्ट्र में अलगाववादियों, आतंकियों और हिंदुस्तान विरोधी तत्वों को दी गई स्थान का है. पिछले वर्ष ट्रूडो के आरोपों के बाद, हिंदुस्तान ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. कई हफ्ते बाद वीज़ा सेवाएँ फिर से प्रारम्भ की गईं.

हाल ही में, टोरंटो में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ‘खालिस्तान समर्थक’ नारे लगाए जाने के बाद हिंदुस्तान ने कड़ा विरोध जताया था, जिसमें ट्रूडो भी शामिल हुए थे. एक आधिकारिक बयान में, गवर्नमेंट ने सूचित किया है कि कनाडाई उप उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को एक कार्यक्रम में ‘खालिस्तान’ पर अलगाववादी नारे लगाने के संबंध में विदेश मंत्रालय (एमईए) में बुलाया गया है, जिसे पर्सनल रूप से संबोधित किया जा रहा था. कनाडा के प्रधान मंत्री

विदेश मंत्रालय ने कहा, “कार्यक्रम में इस तरह की परेशान करने वाली कार्रवाइयों को अनियंत्रित रूप से जारी रखने की अनुमति दिए जाने पर हिंदुस्तान गवर्नमेंट की गहरी चिंता और कड़ा विरोध व्यक्त किया गया. यह एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और अत्याचार को दी गई सियासी स्थान को दर्शाता है.

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