अंतर्राष्ट्रीय

मॉरीशस में भारतीय राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपिता को दी श्रद्धांजलि

Draupadi Murmu: भारतीय राष्ट्रपति मॉरीशस की यात्रा पर हैं इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को ऐतिहासिक दांडी मार्च की वर्षगांठ पर मॉरीशस में महात्मा गांधी संस्थान का दौरा किया यहां उन्होंने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी इस दौरान मॉरीशस के मोका में महात्मा गांधी संस्थान में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में गांधी के सार्वभौमिक आदर्शों को याद किया कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने मॉरीशस में अपनी सांस्कृति विरासत को संरक्षित करने और उसे भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए प्रवासी हिंदुस्तानियों का आभार जताया

राष्ट्रपति मुर्मू ने मेट्रो से की यात्रा

दरअसल, आज मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस है राष्ट्रपति मुर्मू इसमें बतौर मुख्य मेहमान पहुंची हैं वे तीन दिन की मॉरीशस यात्रा पर हैं उन्होंने मॉरीशस में महात्मा गांधी मेट्रो स्टेशन तक एक छोटी मेट्रो यात्रा भी की विदेश मंत्रालय ने एक अन्य पोस्ट में कहा, महात्मा गांधी के दांडी मार्च की आरंभ के ऐतिहासिक दिन राष्ट्रपति मुर्मू ने मेट्रो में थोड़ी देर यात्रा की और मॉरीशस के महात्मा गांधी मेट्रो स्टेशन पहुंचीं

इसमें आगे बोला गया, हिंदुस्तान की सहायता से प्रमुख मेट्रो परियोजना ने मॉरीशस के लोगों के जीवन पर एक परिवर्तनकारी असर डाला है वर्ष 2019 में पीएम मोदी ने मॉरीशस में एक मेट्रो एक्सप्रेस सेवा और एक हॉस्पिटल का उद्घाटन किया था इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पीएम प्रविंद जगन्नाथ भी उपस्थित थे अपने संबोधन में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन परियोजनाओं को द्वीप देश के विकास के लिए हिंदुस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक कहा था

द्रौपदी मुर्मू ने OCI कार्ड को लेकर मॉरीशस में किया बड़ा ऐलान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 मार्च को मॉरीशस में भारतीय मूल के 7वीं पीढ़ी के व्यक्तियों को हिंदुस्तान की विदेशी नागरिकता यानी OCI कार्ड देने के लिए एक विशेष प्रावधान को अनुमति देने की बात कही है मॉरीशस में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने बोला कि ‘मेरी गवर्नमेंट ने हाल ही में एक प्रस्ताव को स्वीकृति दी है इस विशेष प्रावधान के अनुसार भारतीय मूल के 7वीं पीढ़ी के मॉरीशस में रहने वाले लोग भी हिंदुस्तान के विदेशी नागरिक कार्ड (OCI कार्ड) के लिए पात्र होंगे‘ राष्ट्रपति मुर्मू के इस बयान से साफ है कि इससे मॉरीशस में रहने वाले भारतीय मूल के निवासी हिंदुस्तान के विदेशी नागरिक बन सकेंगे और अपने पूर्वजों की भूमि से यानी अपनी ‘जड़ों’ से फिर जुड़ सकेंगे

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