बिहार

1008 फीट ऊंची राम की प्रतिमा को लेकर सियासत: बक्सर में बीजेपी नेता बोले…

बक्सर में बीते दिनों ईश्वर राम की 1008 फीट ऊंची पराक्रमी मुद्रा में प्रतिमा लगाने की घोषणा की गई थी. इसको लेकर जियो मैपिंग भी कराई गई. जिले में प्रतिमा की स्थापना कब और कहां होगी, इस बात की पुष्टि अभी नहीं है. लेकिन इस बात को लेकर राजनीति तेज हो गई है.

BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष से लेकर भिन्न-भिन्न पार्टियों के नेताओं ने भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं देनी प्रारम्भ कर दी है. जदयू ने जहां इसे जुमला कहा है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने राम से पहले बक्सर को विश्वामित्र की धरती बताया.

माले विधायक का बोलना है कि जो राशि प्रतिमा में खर्च हो रही है, उससे विकास के कई अन्य कार्य हो सकते थे.

प्रतिमा स्थापना को लेकर कराई गई है जियो मैपिंग.

विश्व की सबसे ऊंची होगी प्रतिमा

दरअसल, बक्सर में पिछले दिनों आयोजित सनातन संस्कृति समागम कार्यक्रम के दौरान बक्सर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी. उन्होंने यह भी बोला कि विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. अब तक गुजरात में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 697 फीट ऊंची विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है.

जदयू नेता संजय सिंह ने बोला कि प्रतिमा स्थापना किए जाने की बात सिर्फ़ जुमलेबाजी है. जिले में इतनी जमीन नहीं है, जहां इतनी विशाल प्रतिमा स्थापित की जा सके. बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने बोला कि राम की प्रतिमा स्थापित होने से पहले महर्षि विश्वामित्र की प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए. उन्होंने बोला कि विश्वामित्र नहीं होते तो श्रीराम, श्रीराम नहीं होते.

इधर डुमरांव से माले के विधायक अजीत कुमार सिंह का बोलना है कि वह प्रतिमा स्थापना की घोषणा के बाद से ही इस बात का विरोध कर रहे हैं. प्रतिमा की स्थापना कराना किसी सांसद का काम नहीं है. सांसद का जो कर्तव्य है, उसे वह करना चाहिए. प्रतिमा तो पुजारी स्थापित कराते हैं. सांसद को और भी विकास के कार्य करने चाहिए. प्रतिमा स्थापित करने में जितना खर्च हो रहा है, उससे स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों की स्थापना जैसे विकास के कई कार्य किए जा सकते हैं.

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