इस बार करवा चौथ पर बना बेहद शुभ संयोग
हिंदू धर्म में सुहागिन स्त्रियों के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत जरूरी होता है। इस दिन सुहाग की तरक्की और लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। ये व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।
सुहागिन स्त्रियों के अतिरिक्त इन दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं और अच्छे वर की कामना करती हैं। इस दिन मां पार्वती, ईश्वर शिव और गणेशजी की पूजा का विशेष विधान है। इस वर्ष करवा चौथा का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत मां पार्वती ने ईश्वर शिव को पाने के लिए रखा था। इसी व्रत के बाद उनका शादी संभव हुआ था।
करवा चौथ 2023 तिथि , शुभ मुहूर्त और महत्व
वैदिक पंचांग के मुताबिक 2023 में कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि दो दिन की है। ये तिथि 31 अक्टूबर 2023 को रात 9 बजकर 31 बजे से प्रारम्भ होकर 1 नवंबर 2023 को रात 9 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगी। इसलिए उदया तिथि को आधार मानते हुए करवा चौथ 1 नवंबर को होगा।
करवा चौथ 2023 पूजा-विधि
करवा चौथ पर महिलाएं चांद को देखकर व्रत को खोलती हैं। इसलिए करवा चौथ पर सुबह शीघ्र उठ जाएं और साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद गंगाजल हाथ में लेकर व्रत का संकल्प लिया जाता है। फिर ‘‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये’मंत्र को बोलते हुए, मां पार्वती, ईश्वर शिव और गणेश जी का पूजन किया जाता है।
करवाचौथ और सरगी
करवाचौथ पर सरगी के जरिए सास अपनी बहू को सुहाग का आशीर्वाद देती है। सरगी की थाल में 16 श्रृंगार की सभी सामग्री, ड्रायफ्रूट्स, फल, मिष्ठान जैसी चीजें होती हैं। इसके बाद करवा चौथ व्रत कथा सुनी और पढ़ी जाती है। चंद्रमा के निकलने पर छलनी से या जल में चंद्रमा को देखकर उसकी पूजा और अर्घ्य दिया जाता है। फिर पति का चेहरा देखकर पति के हाथ से पानी और अन्न ग्रहण कर व्रत का समाप्ति होता है।
सरगी की थाली ऐसे बनाएं
कभी सरगी की थाली में प्रोसेस्ड फूट, पैक्ड फूड या फिर तली भूनी बहुत सारा ऑयल लिए भोजन ना रखें। किसी भी तरह की गोल्ड ड्रिंक से परहेज करें ये सब आपको पूरे दिन परेशान कर सकती हैं। केवल बैलेंस डाइट ही सरगी की थाली में रखनी चाहिए | ताकि पूरा दिन बिना खाये पिये भी आप खुश रहें और पूजा में भी मन लगे।