चितौड़गढ़:ये दल निम्बाहेड़ा में पिछले 40 वर्षो से है सक्रिय

Chittorgarh : चितौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा से एक अच्छी समाचार है। दरअसल यूं ही कोई आदमी महान नहीं बन जाता है। महान आदमी बनने के लिये कई कसौटियों पर खरा उतरना पड़ता हैं।जिसमें सबसे अलग-सबसे अलग यदि आपमें कुछ विशेष योग्यता है, जो आपके गांव शहर,जिले या फिर ये कहें की सभी के लिये एक आदर्श है,तो वो ही,आपकी खासियत आपको महान बनाती हैं।
ऐसे ही एक महान आदमी है जो अपने गांव और आस पास के गांवों में समाज में या फिर ये कहें तो गलत नहीं होगा की।जो इनके व्यक्तित्व के संबंध में जानता या सुनता है,वो इनको आदर्श मानकर ,इनके कार्यों का अनुसरण करने लगता हैं।
निम्बाहेड़ा तहसील के ग्राम अनरोदा का एक ऐसा व्यक्तित्व जो बीते 40 वर्षों से अपने गांव और इर्द-गिर्द के लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाता आया है जो कहते है की।स्वच्छता एक अच्छी आदत है। जो हम सभी के लिये अति आवश्यक है।
जानकारी में सामने आया पाटीदार बताते हैं कि, हमें अपने घर पर, पालतू जानवर हो या अपने इर्द-गिर्द का क्षेत्र, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल, आदि सहित सबकी साफ सफाई आवश्यक रुप से करनी चाहिए हमें सदैव साफ स्वच्छ और अच्छे कपड़े पहनने चाहिये. ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और अच्छे असर को बनाने में सहायता करते है, क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाते है।
भामाशाह के रूप में भी आदर्श है
पाटीदार वर्षो से जरूरतमंद विद्यार्थी छात्राओं को आवश्यक पाठ्यसामग्री एवं गणवेश अपनी वृद्धावस्था पेंशन से मिलने वाली राशि से मौजूद करवाते रहते है पर्यावरण प्रेमी पशु पक्षियों के प्रति अनन्य प्रेम एवं दया का रेट रखते हैं ये हर सुबह कबूतरों और पक्षियों को दाना डालते है। समय समय पर अनगिनत वृक्षारोपण भी करते हैं, खेत की मेड़ हो या कोई सार्वजनिक जगह फलदार पौधे हो या, छायादार पौधे लगाते रहते हैं और बराबर इनकी देखभाल भी रहती हैं।
पशुपालन और व्यवसाय
खेती के साथ-साथ पशुपालन मैं भी इनकी विशेष रूचि है इनके पास 15 गाय एवं बछड़े हैं गायों से रोजाना 40 लीटर दूध का उत्पादन होता है जिसका विक्रय डेयरी पर करते हैं खेती के साथ साथ पशुपालन, मुख्य व्यवसाय के रूप में है।
इससे अच्छी आमदनी भी होती है गोबर के खाद का इस्तेमाल खेती में करते है। इससे ये वर्मी कंपोस्ट भी बनाते है इन्होंने इनके नाती को इस व्यवसाय में प्रोत्साहित किया वो आज सरस डेयरी दुग्ध संकलन केंद्र का सफल संचालन कर रहा है जिसका रोजाना दुग्ध संकलन 750 लीटर है।
पाटीदार अपने समाज के लिए वटवृक्ष
पाटीदार समाज में इनको वटवृक्ष के रूप में मानते है और सम्मान देते है, वहीं समस्त समाज इनके मार्गदर्शन में ही सारे सामाजिक पारंपरिक कार्य सम्पादित करते है। ये सामाजिक कुरूतियों का खुलकर विरोध करते हैं।इनकी दृष्टि में पुत्र पुत्री एक समान है।
दिनचर्या एवं स्वास्थ्य
किशोरावस्था से अब तक देशी दातुन जैसे नीम एवं बबुल की टहनी से दंत मंजन किया करते है. आज 70 साल की उम्र में भी इनके दाँत ठीक सुरक्षित है। शम्भू लाल पाटीदार स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति भी कम सतर्क नही है , रोजाना सायकल पर लगभग 10 किलोमीटर तक का यात्रा करते है, और ये इनके विचार से व्यायाम है,इससे शक्ति मिलती है।
इन्हें, किसी भी प्रकार का कोई भी रोग, जैसे हाई ब्लड प्रेशर , शुगर , श्वास रोग आदि कुछ भी नही है, ये आज भी बिल्कुल स्वस्थ और स्वस्थ्य है।इनका नियम है, रोज, प्रातः सूर्योदय के समय रोजाना कुए के पानी से, तीनों ऋतुओ में स्नान करना व, स्वयं के कपड़े स्वयं धोते है। दिन में दो बार प्रातः-सायंकाल मंदिर में जाकर सत्संग कीर्तन करना इनकी दिनचर्या में सम्मिलित है, ग्रामपंचायत स्तर पर सम्मानित
एक प्रवास के दौरान जब सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ,उपजिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह सोलंकी एवम जिला महामंत्री सोहन लाल आँजणा की उपस्थिति में सार्वजनिक चर्चा में मुकेश पाटीदार (दद्दू) एवं शेलेन्द्र पाटीदार ने इनका जीवन परिचय दिया तो सभी जनप्रतिनिधियों ने भावविभोर होकर करताल से शंभूलाल पाटीदार का सम्मान किया। एवं इनके जीवन को जनसाधारण के लिए प्रेरणादायी एवं अनुकरणीय बताया ।