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Kullu : पहली बारिश में ही शहर की सडकों का हाल बेहाल

कुल्लू न्यूज़ डेस्क .. लोकसभा चुनाव के लिए मतदाताओं के घरों तक पहुंचते-पहुंचते कुल्लू जिले की सड़कों पर काले धब्बे सियासी नेताओं पर तीखे प्रश्नों की बौछार कर देंगे. पिछले बरसात के मौसम में आई आपदा ने जब जिले की सड़कों की हालत खस्ता कर दी तो राजनीतिक दौरे पर निकले हुक्मरान जख्मों पर मरहम लगाने के एक के बाद एक दिखावटी दावे करते नहीं थक रहे. 10 माह बाद भी दर्जनों सड़कें ऐसी हैं जिनकी मरम्मत के लिए कोई आगे आने को तैयार नहीं दिख रहा है इसलिए अब आम मतदाता चुनाव के समय इसका हिसाब लेने को तैयार है. जिले में लोक निर्माण विभाग को बारिश के कारण 275 करोड़ रुपये का अनुमानित हानि हुआ है ग्रामीण इलाकों में सड़कों की हालत की बात करें तो भले ही विभाग ने इन्हें वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया है, लेकिन अभी भी हर सड़क पर दर्जनों स्थान ऐसी हैं, जहां सड़कें टूट चुकी हैं और इनकी मरम्मत के लिए कोई आगे नहीं आया है ऐसे में ये जगहें हादसों को न्योता दे रही हैं. यहां सड़कें खराब हो रही हैं

बागवानी के मौसम में मुश्किलें बढ़ेंगी
लोगों के अनुसार अगली बारिश दो महीने बाद आने वाली है तब तक विभाग और गवर्नमेंट के रवैये के अनुसार उनकी हालत में सुधार की आशा कम ही है यदि ऐसा हुआ तो बागवानी के मौसम में सड़कें काफी दिक्कतें पैदा करेंगी कुल्लू जिले की भुंतर-मणिकर्ण सड़क सबसे संवेदनशील सड़क है, जिसने अपना वास्तविक रंग दिखाना प्रारम्भ कर दिया है और लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है भुंतर-दियार-हवाई, गड़सा-भलाण, बरशैणी, खराहल, लगताती, सैंज-बंजार, आनी-निरमंड ऐसी कई सड़कें हैं जिनके टूटे हुए पैच की मरम्मत नहीं की गई और वाहनों का यातायात बंद होना तय है. मानसून.

क्षतिग्रस्त सड़कों की किसी को परवाह नहीं है
जिले में सैकड़ों संपर्क सड़कें बागवानी सीजन के दौरान किसानों-बागवानों के लिए मददगार हैं. उनकी हालत सुधारने की किसी को परवाह नहीं है घाटी में इन सड़कों की मरम्मत में बजट की कमी बाधा बन रही है बीजेपी-कांग्रेस के नेता बजट को लेकर राजनीतिक तीर चलाने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर रहे हैं शासक भी बजट में प्रावधान करने के बजाय अपने सियासी स्वार्थ के लिए जनता को बेवकूफ बना रहे हैं. अब चुनावी दौर में मतदाताओं को भी उनसे सीधा उत्तर मिलने का प्रतीक्षा है पार्वती आकार घाटी के मतदाताओं और प्रतिनिधियों के अनुसार जब भी चुनावी दंगल में शामिल नेता या पार्टियों के लोग वोट मांगने आएंगे तो उनसे इन सड़कों की मरम्मत, उनके ब्लैक स्पॉट और टूटे हुए पैच के बारे में जरूर पूछा जाएगा. उनके जवाबों के आधार पर ही चुनाव में वोट डाले जाएंगे 10 माह पहले हुई त्रासदी से टूटी सड़कों की दुर्दशा सियासी दलों को वोट के लिए बेचैन कर देगी.

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