थाइलैंड संसद के निचले सदन ने एक विवाह समानता विधेयक को भारी बहुमत से किया पारित
थाइलैंड में समलैंगिक शादी को लेकर बड़ा निर्णय किया गया है. इस मुद्दे में लंबे समय से समलैंगिकों की मांगों पर गौर करते हुए थाइलैंड की संसद के निचले सदन ने बुधवार को एक शादी समानता विधेयक को भारी बहुमत से पारित कर दिया, जिसमें समलैंगिक शादी समेत किसी भी लैंगिक पहचान के लोगों के बीच शादी संबंधों को मान्यता दी गई है. इस विधेयक के पारित होते ही समलैंगिकों में खुशी की लहर दौड़ गई. विधेयक के पारित होने के बाद थाइलैंड के विभिन्न शहरों में समलैंगिकों ने एकत्र होकर सड़कों पर उत्सव मनाया.
इस विधेयक के कानून बनने के साथ थाइलैंड किसी भी लैंगिक पहचान वाले जीवनसाथियों के समानता के अधिकार को कानूनी मान्यता देने वाला दक्षिण पूर्व एशिया का पहला राष्ट्र बन जाएगा. प्रतिनिधि सभा में मौजूद 415 सदस्यों में से 400 ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, वहीं 10 लोगों ने इसके विरुद्ध मतदान किया. पांच सदस्यों ने मतदान से दूरी बनाई या उसमें भाग नहीं लिया. विधेयक में नागरिक और व्यावसायिक संहिता में संशोधन कर ‘पुरुषों और महिलाओं’ तथा ‘पति और पत्नी’ शब्दों की स्थान ‘लोग’ और ‘वैवाहिक जीवनसाथी’ शब्द डाले गए हैं.
एलजीबीटीक्यू प्लस को मिलेंगे सभी अधिकार
यह विधेयक ‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ दंपतियों को पूरी तरह कानूनी, वित्तीय और चिकित्सा अधिकार प्रदान करेगा. विधेयक अब सीनेट में जाएगा, जो निचले सदन से पारित होने वाले किसी भी विधेयक को बमुश्किल ही कभी खारिज करता है. इसके बाद विधेयक को थाइलैंड के नरेश की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. इसके कानून बनने के बाद थाइलैंड दक्षिण पूर्व एशिया का पहला और एशिया में ताइवान तथा नेपाल के बाद तीसरा ऐसा राष्ट्र बन जाएगा, जहां इस तरह का कानून पारित हुआ है.