प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर नेहरू गांधी परिवार पर निशाना साधा। राजस्थान और महाराष्ट्र के एनडीए सांसदों के साथ दो भिन्न-भिन्न बैठकों को संबांधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी के परिवारवादी के कारण राष्ट्र की सबसे पुरानी पार्टी में प्रणव मुखर्जी और शरद पवार जैसे कई बहुत योग्य नेता पीएम नहीं बन सके। पीएम ने बोला कि कांग्रेस पार्टी पार्टी का पूरा सिस्टम गांधी परिवार के स्वार्थों से प्रेरित है। ‘अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए, उन्होंने कई बड़े नेताओं की महत्वाकांक्षाओं की मर्डर कर दी, जो पीएम बनने लायक थे। प्रणब मुखर्जी और शरद पवार जैसे अत्यधिक सक्षम व्यक्तियों को कभी भी पीएम बनने का अवसर नहीं मिला।’
प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ अपनी वार्ता को भी याद किया, जिन्होंने उनसे बोला था कि वह दूसरों से अलग होंगे। पीएम ने अपने सहयोगियों से राष्ट्र को भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और वंशवाद की राजनीति से मुक्त करने का कोशिश करके हिंदुस्तान छोड़ो आंदोलन की भावना को अपनाने का आग्रह किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना निजी उदाहरण बताते हुए बोला कि सत्ता में रहने के बावजूद वह गलत काम करने वालों के विरुद्ध कठोर निर्णय लेने से कभी नहीं डरे। एक सूत्र ने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसदों से कहा, ”कई मौकों पर उच्च पदों पर बैठे लोगों से जिम्मेदारी छीन ली गई है या उन्हें टिकट देने से भी इंकार कर दिया गया।”
भाजपा किसी भी गठबंधन से पीछे नहीं हटी
इस वर्ष राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। अपना ध्यान कांग्रेस पार्टी शासित राजस्थान पर केंद्रित करते हुए पीएम ने बोला कि राज्य में वर्तमान में अव्यवस्था की स्थिति है। ऐसे में बीजेपी को राजस्थान में जीत हासिल करनी होगी। दोनों बैठकों में पीएम ने पार्टी नेताओं से एक इकाई के रूप में एकजुट रहने को कहा, खासकर महाराष्ट्र में जहां एनसीपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी सहित तीन दलों का गठबंधन है। महाराष्ट्र के संदर्भ में साफ रूप से किसी विशेष पार्टी का नाम लिए बिना, पीएम ने संकेत दिया कि बीजेपी किसी भी गठबंधन से पीछे नहीं हटी या बाहर नहीं गई। सूत्र बताते हैं कि इशारा उद्धव ठाकरे की शिवसेना की ओर था, जिसने इल्जाम लगाया था कि भाजपा ने उनकी पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले 25 सालों में एनडीए गठबंधन के महत्व को भी दोहराया। उन्होंने बोला कि यह गठबंधन अटल बिहारी वाजपेयी के युग से लेकर विपक्ष में रहने के लंबे समय के दौरान भी समय की कसौटी पर खरा उतरा है।