राष्ट्रीय

आलोक कुमार ने श्रृंगेरी पीठ-द्वारका पीठ के शंकराचार्यों का बयान सोशल मीडिया पर शेयर कर कहा…

कई दिनों से खबरें आ रही हैं कि चारों शंकराचार्य 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का वीडियो कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने शेयर किया अब दो शंकराचार्यों ने बयान जारी कर साफ बोला है कि वे इस आयोजन का समर्थन करते हैं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने श्रृंगेरी पीठ और द्वारका पीठ के शंकराचार्यों का बयान भी सोशल मीडिया पर शेयर कर बोला कि वे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का स्वागत कर रहे हैं

आलोक कुमार ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से बोला कि पुरी के शंकराचार्य भी कार्यक्रम के सपोर्ट में हैं उन्होंने कहा, ‘पुरी के शंकराचार्य ने बोला है कि वे समय मिलते ही रमलला का दर्शन करने के लिए आएंगे सिर्फ़ ज्योतिर्मठ शंकराचार्य ने कार्यक्रम के विरुद्ध बयान दिया है लेकिन बाकी तीन शंकराचार्यों ने साफ बोला है कि उनकी तरफ से भ्रमित करने वाले बयान दिए गए’ ज्योतिर्पीठ (उत्तराखंड) के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बोला है कि वह प्राण प्रतिष्ठा के विरुद्ध हैं क्योंकि मंदिर का काम अभी अधूरा है

शारदापीठ श्रृंगेरी के शंकराचार्य की ओर से हिंदी में जारी बयान में कहा, ‘लगभग 500 वर्ष के संघर्ष के बाद ईश्वर श्री रामचंद्र जी के अवतार क्षेत्र अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण… सभी आस्तिकों के लिए अत्यंत हर्षप्रद है कुछ धर्मद्वेषियों सोशल मीडिया में श्रृंगेरी पीठ के वर्तमान शंकराचार्य जगद्गुरु भारतीतीर्थ जी महाराज की तस्वीर के साथ ऐसा संदेश प्रचारित किया जिससे लगता है कि वह महोत्सव के संबंध में विरोध प्रकट कर रहे हैं जबकि शंकराचार्य जी ने ऐसा कोई संदेश नहीं दिया है

श्री शारदापीठ, द्वारका के शंकराचार्य की ओर से जारी बयान में भी साफ बोला गया कि शंकराचार्य जी ने कोई बयान प्रसारित नहीं किया है किसी अखबार में प्रकाशित समाचार शंकराचार्य जी की अनुमति के बिना प्रकाशित हुआ है, जो भ्रामक है 500 सालों का टकराव खत्म हुआ है यह सनातन धर्मावलंबियों के लिए प्रसन्नता का अवसर है

कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस कार्यक्रम को ‘राजनीतिक परियोजना’ बता रहे हैं इस पर आलोक कुमार ने बोला कि विपक्ष के इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि इवेंट का राजनीतिकरण हो रहा है या आरएसएस और भाजपा का यह आयोजन है उन्होंने शंकराचार्यों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बीच कोई मतभेद नहीं है

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार VHP नेता ने कहा, ‘यह कोई युद्ध नहीं है, इसमें कोई हार या जीत नहीं है यह 24 से अधिक पीढ़ियों का संघर्ष है हमारी पीढ़ी भाग्यशाली है कि मंदिर बनकर तैयार है इसे व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं यह हिंदुस्तान के स्वाभिमान का पुनर्स्थापन (भारत के स्वाभिमान की बहाली) है जो हमें औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर लाएगा

Related Articles

Back to top button