अमेरिका के इंडियाना में चाकू से हुए हमले में घायल भारतीय छात्र वरुण राज की मौत
अमेरिका के इंडियाना में चाकू से हुए हमले में घायल भारतीय विद्यार्थी वरुण राज की मृत्यु हो गई है। विदेशों में हिंदुस्तानियों पर बढ़ते हमले के मामले को प्रभासाक्षी ने विदेश मंत्रालय की वीकली ब्रीफिंग में उठाया। प्रभासाक्षी ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से पूछा कि एक भारतीय विद्यार्थी की यूएस में मर्डर कर दी गई है। इस तरह के वाक्ये बढ़ रहे हैं। अमेरिकी मंत्री दिल्ली आ रहे हैं। तो क्या हिंदुस्तान उनके समक्ष ये विषय उठाएगा? प्रभासाक्षी के प्रश्न पर विदेश मंत्रालय ने बोला कि आज भारतीय विद्यार्थी की मृत्यु हो गई है।
ये बहुत ही दुख का विषय है। हमारी कांसलर उनके परिवार के साथ संपर्क में हैं। ऐसे मुद्दों पर हम लोकल ऑथरिटी से जरूर चर्चा करते हैं। कल इसकी चर्चा होगी या नहीं मैं कह नहीं सकता हूं।
विदेश मंत्रालय ने बोला कि अमेरिकी लॉ इंफोर्समेंट ऑथरिटी से जरूर बात कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारे नागरिकों को सुरक्षा रहे। पूरा डिटेल मेरे पास घटना का है नहीं, कि क्या कैसे हुआ। पर ये बहुत ही दुखद घटना है। 24 वर्षीय भारतीय विद्यार्थी वरुण राज पुचा को अमेरिकी राज्य इंडियाना के एक फिटनेस सेंटर में चाकू मार दिया गया था। हमले के बाद चोटों की वजह से उसने दम तोड़ दिया। वालपराइसो यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थी वरुण को 29 अक्टूबर को सार्वजनिक जिम में 24 वर्षीय हमलावर जॉर्डन एंड्रेड ने चाकू से सिर में वार कर दिया था। अरैस्ट किए गए जॉर्डन एंड्रेड ने पुलिस को कहा कि वह रविवार सुबह मसाज रूम में गया था और वहां एक आदमी को देखा। द टाइम्स ऑफ नॉर्थवेस्ट इंडियाना की रिपोर्ट के अनुसार, वह उस आदमी को नहीं जानता था, लेकिन उसे वह थोड़ा अजीब लगा।
आरोपी ने वरुण को खतरा कहा और पुलिस से बोला कि उसने बस वही प्रतिक्रिया दी जो उसे ठीक तरीका लगा। जब पुलिस ने उससे पूछा कि उसने वरुण को कहाँ चाकू मारा, तो एंड्राडे ने बोला कि मैंने अभी यह कहा है। मैं यह बोलना भी नहीं चाहता। यह उसके दिमाग में था।
एंटनी ब्लिंकन की हिंदुस्तान यात्रा
भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। टू प्लस टू वार्ता कल है। अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी दिल्ली आ चुके हैं। जबकि एंटनी ब्लिंकन आने ही वाले हैं। अभी वार्ता को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। इसका मुख्य फोकस इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा चुनौतियों और हालिया गंभीर मामले होंगे। यदि वे कनाडा के मामले पर चर्चा करना चाहेंगे तो हम इसके लिए तैयार हैं।