स्वास्थ्य

क्या वाकई में पुरुषों में माइग्रेन के लक्षण महिलाओं से हो सकते हैं अलग…

आज के समय में लाइफस्टाइल में परिवर्तन के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वर्तमान समय में काम के बढ़ते दबाव के कारण लोगों को माइग्रेन की परेशानी होने लगी है. वहीं बीते कुछ वर्षों में माइग्रेन की परेशानी के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई है. माइग्रेन को मध्यम से गंभीर सिरदर्द के रूप में जाना जाता है. यह मर्दों और स्त्रियों दोनों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है.

हांलाकि मर्दों और स्त्रियों में माइग्रेन की वजह भिन्न-भिन्न हो सकती है. लेकिन अधिकांश इसके कारण एक समान होते हैं. ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या वाकई में मर्दों में माइग्रेन के लक्षण स्त्रियों से अलग हो सकते हैं.

माइग्रेन क्या है

बता दें कि माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इसमें मध्यम से लेकर गंभीर सिरदर्द हो सकता है. माइग्रेन अक्सर सेंसरी गड़बड़ी और नर्वस सिस्टम कार्य को बाधित कर सकता है. हांलाकि माइग्रेन के सटिक लक्षणों को समझना थोड़ा कठिन है. एक्सपर्ट्स के अनुसार न्यूरोबायोलॉजिकल और पर्यावरणीय कारकों के चलते यह परेशानी हो सकती है. हार्मोनल उतार-चढ़ाव, नींद की गड़बड़ी, तनाव, आहार संबंधी कारक और सेंसरी स्ट्यूमिलेशन जैसे ट्रिगर माइग्रेन का कारण बन सकते हैं.

तनाव और लाइफस्टाइल

लाइफस्टाइल और तनाव के कारण भी मर्दों को माइग्रेन हो सकता है. फिर तनाव चाहे शारीरिक हो या मानसिक. शारीरिक बदलाव की वजह बनकर माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है. इसके अतिरिक्त अल्कोहल, कैफीन और कुछ अन्य खाद्य पदार्थ जैसे आहार भी माइग्रेन की शुरूआत का कारण बन सकता है.

हार्मोनल प्रभाव

पीरियड्स के दौरान स्त्रियों में विशेष रूप से हार्मोनल उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं. यह माइग्रेन पैथोफिजियोलॉजी में अहम किरदार निभाते हैं. जो स्त्रियों को मुख्य रूप से प्रभावित करने का काम कर सकते हैं. अक्सर महिलाएं पीरियड्स संबंधी माइग्रेन के लक्षण महसूस करती हैं. ऐसे में माना जाता है कि प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में उतार चढ़ाव से भी माइग्रेन हो सकता है. वहीं मर्दों में भी परिवर्तन के कारण माइग्रेन हो सकता है.

आनुवंशिक कारण

बता दें कि आनुवंशिक कारक भी माइग्रेन की वजह बन सकते हैं. माइग्रेन की परेशानी स्त्री और मर्दों दोनों को समान रूप से हो सकती है. जिस तरह से स्त्रियों में जीन्स प्रतिक्रिया करते हैं. ठीक उसी तरह से जीन्स मर्दों के लिए माइग्रेन की वजह बन सकता है.

न्यूरोबायलॉजिकल वैरिटेंस

महिलाओं और मर्दों के बीच न्यूरोबायोलॉजिकल फर्क भी माइग्रेन की वजह बन सकता है. मस्तिष्क में कार्यात्मक और संरचनात्मक अंतर, जिसमें दर्द और न्यूरोट्रांसमीटर सिस्टम में परिवर्तन शामिल है. यह लिंग के आधार पर माइग्रेन की संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकता है. जैसे डोपामाइन मेटाबॉलिज्म और सेरोटोनिन रिसेप्टर एक्सप्रेशन में अंतर को माइग्रेन पैथोफिजियोलॉजी में शामिल किया गया है.

माइग्रेन का इलाज

माइग्रेन की उपचार के लिए ट्रिगर को पहचानना महत्वपूर्ण है. चिकित्सक स्त्रियों और मर्दों के लिए भिन्न-भिन्न ट्रिगर प्वाइंट के उपचार के लिए भिन्न-भिन्न रणनीति तैयार कर सकते हैं. पहले माइग्रेन के दर्द को कम करने वाली दवाएं दी जाती थीं. वहीं स्त्रियों में पीरियड्स से जुड़े माइग्रेन में हार्मोनल थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है. माइग्रेन के सामान्य कारणों को दूर करने के लिए एक्सपर्ट्स योग और एक्सरसाइज की सलाद दे सकते हैं.

 

Related Articles

Back to top button