90 दिन में तैयार हो जाती है स्वीट कार्न मक्के की फसल
बिहार में खेती किसानी का ट्रेंड लगातार बदलता जा रहा है। किसान नयी तकनीक का समावेशन कर नगदी फसलों की खेती कर अधिक फायदा कमा रहे हैं। पूर्णिया में भी खेती किसानी के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। बिहार के सीमांचल मे पूर्णिया प्रमुख जिलों में से एक है। इस क्षेत्र के किस बड़े पैमाने पर मक्का की खेती करते हैं। ज्यादातर किस पारंपरिक ढंग से मक्के की खेती करते हैं। इसलिए किसानों को अधिक लाभ नहीं मिल पाता है। मक्के की खेती के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है। मक्के की अब वैरायटी आ चुकी है। इन वैरायटी के मक्के की खेती कर किस अच्छा फायदा कमा सकते हैं।
पूर्णिया के किसान कर रहे हैं स्वीट कॉर्न मक्का की खेती
कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ के कृषि वैज्ञानिक श्री दयानिधि चौबे ने कहा कि किसान दशकों से मकई की खेती करते आ रहे हैं। इनका बीज भिन्न-भिन्न वैरायटी का रहता है। हालांकि सामान्य मक्का 180 दिनों में तैयार होता है। जिससे किसान भाई को फायदा के लिए कई महीनों तक प्रतीक्षा करना होता है। ऐसे में यदि बात करें पूर्णिया जिला की तो पूर्णिया जिला के कई किसान ऐसे हैं जो नई-नई वैरायटी के बीज लाकर खेती करते हैं और कम समय में अधिक फायदा कमाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वीट कॉर्न मक्का की खेती कर किस बेहतर फायदा कमा सकते हैं।पूर्णिया के किसान शशिभूषण सिंह ने भी स्वीट कॉर्न मक्का की खेती की कर रहे हैं और सालाना बेहतर फायदा भी काम ले रहे हैं। किसान ने कहा कि स्वीट कॉर्न मक्का की खेती सीजन ही नहीं बल्कि सालोभर की जा सकती है।
स्वीट कॉर्न मक्का की खेती कर किसान कमा सकते हैं डबल मुनाफा
स्वीट कॉर्न मक्का की खेती कर कम समय में अधिक फायदा कमा सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ के कृषि वैज्ञानिक दयानिधि चौबे ने ने कहा कि सामान्य मक्का की खेती से बेहतर स्वीट कॉर्न मक्का की खेती करना है। किसान भाइयों को कम समय में अधिक फायदा हो सकता है। इस मक्का की खेती से किसान डबल फायदा कमा सकते हैं।उन्होंने कहा कि इस मक्के की वैरायटी 90 दिनों में तैयार हो जाता है और किसान भाई सरलता से 90 दिन बाद इन खेत में लगे फसल से मोटी धनराशि कमाना प्रारम्भ कर देते हैं। स्वीट कॉर्न मक्का की डिमांड होटल, रेस्टोरेंट एवं अन्य बड़े आयोजनों में भी खूब होती है। साथ हीं खेत मे उगने वाले घास भी बाजार में बिक जाता है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया जिला का जलवायु मक्का खेती के लिए काफी अनुकूल है। किसान इसका फायदा उठाकर स्वीट कॉर्न मक्का की खेती कर सकते हैं