उत्तर प्रदेश

मायावती ने अपनी जान को खतरा बताते हुए यूपी सरकार से की सुरक्षा व्यवस्था की मांग

बसपा (बसपा) की मुखिया और पूर्व सीएम मायावती (Former Chief Minister Mayawati) ने सपा (Samajwadi Party) पर तीखा धावा करते हुए दलित विरोधी कहा है साथ ही उन्होंने गेस्ट हाउस काण्ड (Guest House Kand) का जिक्र करते हुए अपनी जान को खतरा बताते हुए उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट से सुरक्षा प्रबंध की मांग की है मायावती ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर इसे लेकर कई पोस्ट किए और बोला कि समाजवादी पार्टी अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालांकि बसपा ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबन्धन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र और चेहरे को थोड़ा बदलने का कोशिश किया लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद ही समाजवादी पार्टी पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई मायावती ने आगे बोला कि और अब समाजवादी पार्टी मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बीएसपी से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है वैसे भी समाजवादी पार्टी के 2 जून 1995 (गेस्ट हाउस कांड) सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए और इनकी गवर्नमेंट के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी निर्णय लिए गए हैं जिनमें बसपा उत्तर प्रदेश स्टेटआफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों और राष्ट्रीय प्रमुख को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा

बसपा सुप्रीमों ने दफ्तर के लिए मांगी नयी जगह

बसपा सुप्रीमों ने पार्टी कार्यालय के लिए सुरक्षित जगह की मांग करते हुए उन्होंने अपनी अगली पोस्ट में लिखा कि असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकांश बैठकें अपने निवास पर करने को विवश होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी कार्यालय में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुँचने पर वहाँ पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है ऐसे हालात में बसपा उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के जगह पर अन्यत्र सुरक्षित जगह पर प्रबंध करने का भी विशेष निवेदन करती है, अन्यथा फिर यहाँ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी गवर्नमेंट सख़्ती से निपटे, पार्टी की यह भी मांग है बता दें कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कल बलिया दौरे पर थे यहां मीडिया ने जब उनसे इण्डिया ब्लॉक में मायावती और बीएसपी को शामिल करने के बारे में प्रश्न किया तो उन्होंने तंज भरे लहजे में पूछा कि उसके बाद का (2024 लोकसभा चुनाव) भरोसा आप दिलाओगे बात भरोसे का है यदि वह आती हैं तो आप में से कौन भरोसा दिलाएगा? बता दें कि हाल ही में हुई इण्डिया गंठबंधन की बैठक में अखिलेश यादव ने बीएसपी को शामिल करने के प्रति असहमति जताई थी उल्लेखनीय है कि बीएसपी और समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2019 का लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था उनके गठबंधन की तीसरी पार्टी रालोद थी बसपा ने 10 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी को 5 सीटों पर जीत मिली थी आरएलडी खाता भी नहीं खोल सकी थी

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