उत्तर प्रदेश

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

इलाहाबाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय से समाजवादी पार्टी मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को बड़ी राहत मिली है इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गौतम बुद्ध नगर की जिला न्यायालय में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है उच्च न्यायालय ने याचिका पर उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट से चार सप्ताह में उत्तर मांगा है अखिलेश यादव के वकीलों को इसके दो सप्ताह बाद काउंटर एफीडेविट दाखिल करना होगा 22 जनवरी को होगी मुद्दे की अगली सुनवाई होगी उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता इमरान उल्ला खां और विनीत विक्रम की दलीलों को सुनकर यह आदेश पारित किया है जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया है

सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से दाखिल याचिका में निचली न्यायालय में चल रही प्रोसिडिंग्स और चार्जशीट रद्द किए जाने की मांग की गई थीअखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत 14 नामजद और 300-400 अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट ग्रेटर नोएडा के दादरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है दादरी पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और महामारी अधिनियम 3 और 4 के अनुसार एफआईआर दर्ज कराई गई है

आरोप है कि 3 फरवरी 2022 को अखिलेश यादव ने लोक दल राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ चुनाव प्रचार के लिए जुलूस निकाला था, जिसमें उनके द्वारा Covid-19 के अनुसार जारी शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया, जिससे महामारी बढ़ने का खतरा उत्पन्न हुआ इसके अतिरिक्त धारा 144 सीआरपीसी का भी उल्लंघन किया गया इसके साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर कारगर आदर्श चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन किया गया

एफआईआर में नामजद लोगों में राजकुमार भाटी, इंद्रप्रधान, महेंद्र भाटी, श्याम सिंह भाटी, कुलदीप भाटी, सुधीर, हारुन सैफी, जुल्फकार मलिक, नसरू मैम्बर, तौफीक अली, साबिर नेताजी और दानिश के नाम शामिल हैं विवेचक नागेंद्र पाल सिंह ने विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी थी, जिसका ट्रायल न्यायालय ने संज्ञान लेकर सुनवाई प्रारम्भ कर दी है अखिलेश यादव की ओर से 29 नवंबर को उच्च न्यायालय में दाखिल की गई याचिका का एक नवंबर को रजिस्ट्रेशन हुआ था न्यायालय ने फर्स्ट हियरिंग में ही सुनवाई के बाद निचली न्यायालय में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है

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