वाराणसी शहर को चारों ओर रोप-वे से जोड़ने की चल रही तैयारी

वाराणसी शहर को चारों ओर रोप-वे से जोड़ने की चल रही तैयारी

वाराणसी शहर को चारों ओर से रोप-वे से जोड़ने की तैयारी चल रही है. गंगा के आर-पार भी रोप-वे के दो रुट तैयार किए जाएंगे. 50 मीटर की ऊंचाई से गंगा की सैर काफी अद्भुत अनुभव होने वाला है.

शहर में रोप-वे का निर्माण कुल तीन फेज में होगा. पीएम मोदी ने 24 मार्च को कैंट-गोदौलिया के पहले फेज की आधारशिला रख दी है. यह करीब 645 करोड़ रुपए से दो वर्ष में बनकर तैयार होगा.

वहीं, अब प्रशासन ने दूसरे और तीसरे चरण का भी खाका खींच लिया है. कैंट-गोदौलिया के बाद कैंट-सिटी स्टेशन-नमो घाट- रामनगर पड़ाव और वहीं तीसरे फेज में रथयात्रा-BHU-रामनगर किले तक रोप-वे का निर्माण होगा. इसकी पूरा एक्शन प्लान जल्द ही शासन को भेजा जाएगा. दूसरे और तीसरे चरण के रोप-वे को तैयार करने में कुल लागत 2320 करोड़ रुपए आएगी. इस प्रोजेक्ट में गंगा पार जाने वाले दो रोप-वे रुट भी शामिल हैं.

दूसरे और तीसरे फेज में बनेगा 12 किलोमीटर लंबा रोप-वे

कैंट से नमो घाट तक साढ़े 5 किलोमीटर और वहीं, रथयात्रा से BHU और रामनगर तक करीब साढ़े 6 किलोमीटर का रोप-वे तैयार होगा. रथयात्रा से BHU के बीच में 3 स्टेशन बनाए जाएंगे. अभी स्टेशन के नाम तय नहीं किए गए हैं. प्रोजेक्ट के दूसरे फेज का खर्च 920 करोड़ रुपये और तीसरे का 1400 करोड़ रुपए तक आएगा. यह रोप-वे जब गंगा को पार करेगा तो वह सीन काफी अद्भुत और रोमांचक होगा.

पहले फेज में 3.8 किलोमीटर लंबा रोप-वे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले फेज के रोप-वे का शिलान्यास कर दिया है. वाराणसी स्टेशन से गोदौलिया तक 3.8 किलोमीटर लंबाई वाला यह रोप-वे सड़क से 50 मीटर यानी 164 फीट की ऊंचाई पर दौड़ेगा. यह 2 वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा और इस पर 644 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. हर डेढ़ से दो मिनट पर यात्रियों के लिए ट्रॉली मौजूद रहेगी. एक केबल कार में 10 पैसेंजर सवार होंगे. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे. यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ-जा सकेंगे. रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा. रोप-वे से कैंट जंक्शन से गोदौलिया तक जाने में महज 17 मिनट लगेंगे. अभी ऑटो रिक्शा या बाइक से जाने में भारी ट्रैफिक होता है. इस कारण करीब 45 मिनट लगते हैं.