यूपी के गोरखपुर में तीन क्षेत्र पंचायत सदस्य ऑनलाइन ठगी के हुए शिकार
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क कैम्पियरगंज ब्लाक के तीन क्षेत्र पंचायत सदस्य औनलाइन ठगी के शिकार हो गए हैं। ठगों ने कई और बीडीसी सदस्यों को ठगी का शिकार बनाने की प्रयास की, लेकिन सफल नहीं हुए। मुद्दे में बीडीसी सदस्यों ने साइबर सेल में कम्पलेन की है। पुलिस ने मुद्दे की जांच प्रारम्भ कर दी है।
कैम्पियरगंज के सोनौरा के बीडीसी मनीष चंद्र, खाझा के जितेन्द्र सिंह एवं डुमरिया के शैलेष के मोबाइल पर किसी ने अपने को बीडीओ बताकर टेलीफोन कर कहा कि क्षेत्र पंचायत की बैठक है। आपके खाते में गवर्नमेंट की तरफ से मीटिंग का मानदेय 2500 रुपये भेजना था। गलती से अधिक भेज दिया गया है और बीडीसी सदस्यों के खाते में पैसा भेजना है। लिहाजा आप भेजे गये खाते में पैसा वापस भेज दीजिए। खाते में रूपये आने का मैसेज भी भेज दे रहा था। जिससे इस झांसे में आकर मनीष चंद्र के भतीजे ने 26 हजार और जितेन्द्र ने 4 हजार एवं शैलेष ने 4 हजार रुपये बताए गए खाते में भेज दिया।
कुछ देर बाद जब खाते में रकम आने का मैसेज नहीं आया तो सभी ने अपने खाते का बैलेंस चेक किये तो पता चला कि कोई रकम आई ही नहीं। वह बेचैन हो उठे और मुद्दे की तह तक गए तो पता चला कि वह तीनों औनलाइन ठगी के शिकार हो गए हैं। तीनों कैम्पियरगंज पुलिस स्टेशन पहुंचे जहां से पुलिस ने उन्हें साइबर अपराध ब्रांच भेज दिया। बीडीसी सदस्य राजू सिंह ने कहा कि मेरे पास भी पैसा भेजने के लिए टेलीफोन आया था।
चिलुआताल थाना क्षेत्र में रहने वाले एक गैंगस्टर के मकान को जिलाधिकारी के आदेश पर कुर्क करने गई टीम को मकान में रह रहे स्त्रियों की जिद के आगे झुकना पड़ा। तीन दिन की मोहलत देकर टीम लौट आई। अब आगे की कार्यवाही होना सुनिश्चित हुआ है।
शाहपुर थानांतर्गत गायत्रीपुरम में राजीव तिवारी एवं उनकी पत्नी शिप्रा तिवारी, बच्चे और उसकी मां मकान बना कर रहते हैं। राजीव तिवारी एम्स और कई अन्य जगहों पर जॉब दिलाने के नाम पर दर्जनों लोगों से करोड़ों रुपये की जालसाजी कर चुका है। उसके इस कृत्य में उसकी पत्नी शिप्रा तिवारी भी शामिल है। जिले के कई थानों में केस दर्ज होने के बाद राजीव के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के अनुसार भी कार्रवाई की जा चुकी है। कारावास जाने के बाद मौजूदा समय दंपती जमानत पर बाहर हैं।