Lok Sabha Election 2024 : पश्चिम में उदय और अस्त की जंग
बीते दो चुनावों में भारतीय राजनीति की नई पटकथा लिखने वाला पश्चिम हिंदुस्तान इस बार भी चर्चा में है। दो केंद्रशासित और तीन राज्यों का 78 लोकसभा सीटों वाला यह क्षेत्र कई प्रश्नों का उत्तर देगा। सीटों की सियासी ताकत की दृष्टि से नहीं, बल्कि हिंदुत्व और विरासत पर वास्तविक दावेदार के प्रश्नों को लेकर। ऐसे उत्तर जो सियसत में नई इबारत गढ़ेगा। असली-नकली शिवसेना-एनसीपी पर मुहर के साथ ही करीब तीन दशक से अभेद्य बीजेपी के गुजरात किले की नई व्याख्या भी करेगा।
लोकसभा की 78 सीटों वाले पश्चिमी हिंदुस्तान के पांच राज्यों के नतीजे राष्ट्र की भावी राजनीति की नई दिशा और हालात तय करने में अहम किरदार निभाएंगे। पश्चिमी हिंदुस्तान हिंदुत्व के वास्तविक अलंबरदार का पता ठिकाना देगा। नतीजे बतायेंगे कि महाराष्ट्र में वास्तविक शिवसेना उद्धव ठाकरे की है, या एकनाथ शिंदे की? वास्तविक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (एनसीपी) शरद पवार की है, या उनके भतीजे अजित पवार की? इसी राज्य के नतीजे तय करेंगे कि राष्ट्र में हिंदुत्व और धर्मनिरपेक्षता का मिलान संभव है या नहीं? नतीजे यह भी बतायेंगे कि हिंदुत्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला और हिंदुत्व के गढ़ में कांग्रेस पार्टी और उसकी अगुआई में विपक्षी दलों के गठबंधन का वाकई कोई भविष्य है या नहीं?
महाराष्ट्र : तय होगा पवार और उद्धव का कद
बीते दस वर्ष में भारतीय राजनीति के सबसे बड़े परिवर्तन का सूत्रधार महाराष्ट्र है। लोकसभा के बीते दो चुनावों में भाजपा-शिवसेना की जोड़ी ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को कहीं का नहीं छोड़ा है। इन दो चुनावों में राजग ने राज्य की 48 में से 42 सीटों पर कब्जा कर केंद्रीय राजनीति में हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने के साथ नये राजनीतिक समीकरण बनाये थे। हालांकि बीते चुनाव के बाद मूल शिवेसना के पाला बदलने और एनसीपी के दो हिस्सों में बंट जाने से राजनीतिक लड़ाई दिलचस्प हो गयी है। पहली बार विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के बीच सीधी भिड़न्त होगी।
असली-नकली पर जनादेश
दरअसल राज्य में बीजेपी से किनारा करने पर पहले शिवसेना और विरासत के प्रश्न पर एनसीपी दो फाड़ हो गयी। मूल शिवसेना के एनसीपी, कांग्रेस पार्टी के साथ गवर्नमेंट बनाने पर एकनाथ शिंदे ने अलग लाइन ली और कई विधायकों-सांसदों को अपने साथ जोड़कर बीजेपी की गवर्नमेंट का रास्ता साफ किया। इसके बाद विरासत के प्रश्न पर अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर नई गवर्नमेंट में डिप्टी मुख्यमंत्री बन गये। अब नतीजे बतायेंगे कि मूल शिवसेना और मूल एनसीपी आखिर किसकी है? पवार और ठाकरे की राजनीतिक पकड़ की पैमाइश उनके सियासी कद का भी निर्धारण करेगा।
करो या मरो की जंग
मूल पार्टियों में टूट के बाद यह चुनाव शरद पवार और उद्धव ठाकरे के लिए करो या मरो की जंग की तरह है। पुराना प्रदर्शन दुहराने में असफल रहने के बाद पवार और ठाकरे भारतीय राजनीति में इतिहास बन सकते हैं। इसके उलट इनका बेहतर प्रदर्शन बीजेपी को करारा झटका दे सकता है। बीजेपी की रणनीति शिंदे और अजित के बहाने हिंदुत्व और ग्रामीण महाराष्ट्र का निर्विवाद सबसे बड़ा खिलाड़ी बनने की है। बीजेपी उद्धव की बाला साहब ठाकरे की विरासत पर ग्रहण लगाने के लिए उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के भी संपर्क में है।
महाराष्ट्र में 48 सीटें
2019
पार्टी सीट मत प्रतिशत
भाजपा 23 27.84
शिवसेना 18 23.50
कांग्रेस 01 16.41
एनसीपी 04 15.44
2014
भाजपा 23 26
शिवसेना 18 21
कांग्रेस 02 18
एनसीपी 04 15.20
गुजरात : कांग्रेस-आप साथ आये, तो बढ़ा असंतोष
गुजरात में बीते दो चुनावों में सभी 26 सीटों पर कब्जा कर बीजेपी ने विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस पार्टी के फिर से मजबूत होने की संभावनाओं पर पानी फेरा है। बीजेपी को पटखनी देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने इस बार आप के साथ समझौता किया है। हालांकि इस समझौते के बाद पार्टी में असंतोष के सुर बहुत मजबूत हुए हैं। कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। बीते चार माह की बात करें, तो चार विधायक कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं। इनके अतिरिक्त एक पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद भी पार्टी से अलग हो चुके हैं। मोढवाडिया ने इसलिए त्याग-पत्र दिया था, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।
गुजरात : कुल सीटें 26
2019
पार्टी सीट मत प्रतिशत
भाजपा 26 62.21
कांग्रेस 00 32.11
2014
भाजपा 26 59.1
कांग्रेस 00 32.90
तीन राज्यों से भी मिलेंगे संकेत
गुजरात के अतिरिक्त पश्चिम हिंदुस्तान में गोवा और दो केंद्रशासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली के साथ दमन और दीव है। इन तीन राज्यों की राजनीतिक ताकत चार सीटों की है। इनमें राजनीतिक दृष्टि से दो सीटों वाला राज्य गोवा अहम है, जहां बीते चुनाव में कांग्रेस पार्टी और बीजेपी को एक-एक सीट मिली थी। दादरा एवं नगर हवली की इकलौती सीट से निर्दलीय तो दमन और दीव क इकलौती सीट पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी।
गोवा : 2 सीटें
2019
पार्टी सीट मत प्रतिशत
कांग्रेस 01 43
भाजपा 01 51
2014
कांग्रेस 00 41
भाजपा 02 44