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संदेशखाली में मिला हथियारों का जखीरा, सीएम ममता बोलीं…

कोलकाता: सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) ने आज शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के बम दस्ते की संयुक्त टीम द्वारा संदेशखाली में की गई छापेमारी को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास कम्पलेन दर्ज कराई. शुक्रवार को राज्य में लोकसभा के दूसरे चरण के मतदान के दौरान, सीबीआई और NSG बम दस्ते ने संदेशखाली और उत्तरी 24 परगना जिले में छापेमारी की, जिसमें तृण मूल काँग्रेस नेता के सम्बन्धी अबू तालेब के घर से भारी मात्रा में विदेशी हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ. क्षेत्रीय तृण मूल काँग्रेस नेता हफ़ज़ुल खान के रिश्तेदार, पर भी पार्टी के दबंग नेता शेख शाहजहाँ का करीबी सहयोगी होने का इल्जाम है.

CEO के साथ अपनी कम्पलेन में, तृण मूल काँग्रेस ने इल्जाम लगाया कि बार-बार अभ्यावेदन के बावजूद, राज्य चुनाव पैनल प्रमुख केंद्रीय जांच एजेंसियों को विभिन्न सियासी दलों के “अभियान प्रयासों को विफल करने” से रोकने में विफल रहे. ममता बनर्जी की पार्टी ने बोला कि, जब चुनाव चल रहे थे, तो सीबीआई ने जानबूझकर संदेशखाली में एक खाली जगह पर बेईमानी से छापा मारा. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि सीबीआई ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के बम दस्ते सहित अतिरिक्त बलों को बुलाया है. कहा गया है कि इस तरह की छापेमारी के दौरान एक घर से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए थे.

राज्य में सत्तारूढ़ दल ने आगे इल्जाम लगाया कि सीबीआई ने छापेमारी करने से पहले राज्य गवर्नमेंट या पुलिस प्रशासन को ‘कार्रवाई योग्य नोटिस’ जारी नहीं किया. इसके अलावा, राज्य पुलिस के पास एक पूरी तरह कार्यात्मक बम निरोधक दस्ता है, जो पूरे ऑपरेशन में सहायता कर सकता था, यदि CBI को वास्तव में लगता कि इस तरह की छापेमारी के दौरान एक बम दस्ते की जरूरत थी. हालांकि, CBI द्वारा ऐसी कोई सहायता नहीं मांगी गई थी. यह जानकर और भी आश्चर्य हुआ कि राज्य प्रशासन के मौके पर पहुंचने से पहले ही मीडिया कर्मी छापे के दौरान उपस्थित थे, इस समय यह पहले से ही राष्ट्र भर में समाचार थी कि छापे के दौरान हथियार बरामद किए गए थे यह निश्चित है कि क्या ये हथियार वास्तव में तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान बरामद किए गए थे या क्या उन्हें CBI/NSG द्वारा गुप्त रूप से रखा गया था.

इसके अलावा, कम्पलेन के अनुसार, राज्य गवर्नमेंट के किसी भी प्रतिनिधि की अनुपस्थिति में, “हथियारों और गोला-बारूद की कथित बरामदगी” बीजेपी की एक चाल थी, जो “ऐसे हथियार प्लांट करने” के लिए सीबीआई और NSG के साथ मिली हुई है. तृण मूल काँग्रेस ने मांग की कि चुनाव अधिकारी “तत्काल दिशानिर्देश जारी करें, जिससे चुनाव की अवधि के दौरान सियासी दलों और उनके पदाधिकारियों के विरुद्ध सीबीआई सहित किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा कदम नहीं उठाया जा सके”. कम्पलेन में बोला गया है, “एजेंसियों और मीडिया को अपनी रिपोर्टिंग में तृण मूल काँग्रेस के सभी संदर्भों को हटाने के लिए तुरन्त निर्देश जारी करें और ऐसे अन्य आदेश जारी करें जो मुनासिब और मुनासिब समझे जाएं.

हालाँकि, गौर करने वाली बात ये है कि, हाल ही में 17 अप्रैल को रामनवमी के दौरान जब मुसलमान बहुल जिले मुर्शिदाबाद में श्री राम की शोभयात्रा पर धावा हुआ था, तब ममता बनर्जी ने बोला था कि, इस वक़्त सुरक्षा प्रबंध चुनाव आयोग के हाथ है, चुनाव आयोग ने वहां के DIG को हटाया, इसलिए वही उत्तर दें. ऐसा कहकर मुख्यमंत्री ममता ने उस हमले से पल्ला झाड़ लिया था. अब संदेशखाली में हथियारों का जखीरा मिलने पर ममता कह रहीं हैं कि, बीजेपी ने सीबीआई और NSG के साथ मिलकर वहां हथियार और गोला बारूद रखे. वहीं, यदि उन हथियारों से कोई अत्याचार होती, या कोई बम फटता, तो ममता शायद फिर यही कह देतीं की सुरक्षा प्रबंध चुनाव आयोग के हाथ है. वैसे, फ़िलहाल ममता गवर्नमेंट संदेशखाली में सीबीआई जांच रुकवाने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंची हुईं हैं.

संदेशकाली में क्या हुआ था ?

उल्लेखनीय है कि, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में अशांति ने पूर्व तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों शिबू प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार द्वारा स्त्रियों के विरुद्ध किए गए अत्याचारों को ध्यान में लाया था. कई महिलाएं इन तीनों द्वारा उनके विरुद्ध की गई जमीन हड़पने और यौन अत्याचार की घटनाओं के बारे में बताने के लिए आगे आई हैं. हालात से विवश होकर उन्होंने मुद्दे को अपने हाथ में ले लिया और पुलिस स्टेशन का घेराव कर लिया. स्त्रियों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के कारण अंततः 3 तृण मूल काँग्रेस गुंडों की गिरफ्तारी हुई थी. इन स्त्रियों का बोलना था कि, शाहजहां शेख के गुंडे घरों में घुसकर लड़कियों को उठा ले जाते हैं और तृण मूल काँग्रेस कार्यालय में ले जाकर रात भर बलात्कार करते हैं. एक स्त्री ने तो यहाँ तक दावा किया था कि, ये काम पुलिस के सामने भी होता है, और पुलिस अपराधियों का ही साथ देती है.

 

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