अशोक चव्हाण ने छोड़ी कांग्रेस, ED को ठहराया ज़िम्मेदार, पार्टी पर भी उठाए सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के एक पार्टी नेता की “कार्यशैली” से पूर्व सीएम अशोक चव्हाण परेशान थे और अंततः उन्हें पार्टी से त्याग-पत्र देना पड़ा। निरुपम ने चव्हाण के जाने पर दुख जताते हुए उन्हें जमीनी स्तर पर मजबूत जुड़ाव वाला एक साधन संपन्न और कुशल संगठनकर्ता बताया, जिनकी अनुपस्थिति पार्टी के लिए अपूरणीय होगी। इसको लेकर संजय निरुपम ने एक एक्स पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कई बड़े दावे किये हैं।
अपने पोस्ट में कांग्रेस पार्टी नेता ने लिखा कि अशोक चव्हाण यकीनन पार्टी के लिए असेट थे। कोई उन्हें लायब्लिटी कह रहा है, कोई प्रवर्तन निदेशालय को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है, यह सब जल्दबाज़ी में दिया हुआ रिएक्शन है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि वे बुनियादी तौर पर महाराष्ट्र के एक नेता की कार्यशैली से बहुत परेशान थे। इसकी जानकारी उन्होंने समय-समय पर शीर्ष नेतृत्व को दिया था। उन्होंन बोला कि यदि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता तो,यह नौबत नहीं आती।
संजय निरुपम ने बोला कि अशोक चव्हाण साधन-संपन्न है, कुशल संगठक है, ज़मीनी पकड़ रखते हैं और सीरीयस नेता है। हिंदुस्तान जोड़ो यात्रा जब पिछले वर्ष नांदेड़ में पाँच दिनों के लिए थी, तब समस्त नेतृत्व ने उनकी क्षमता का साक्षात दर्शन किया था। उन्होंने बोला कि उनका कॉंग्रेस छोड़ना हमारे लिए बड़ा नुक़सान है। इसकी भरपाई कोई नहीं कर पाएगा। उन्हें सँभालने की ज़िम्मेदारी केवल और केवल हमारी थी। जरूरी लोकसभा चुनावों से पहले चव्हाण का अचानक जाना कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। यह बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा जैसे अन्य वरिष्ठ महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी नेताओं के समान निर्णयों का अनुसरण करता है। चव्हाण का बीजेपी में शामिल होना तय है।