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चिड़ियों का घोंसला टूटा, घर उजड़ा तो इस शख्स ने किया ऐसा काम…

 परिंदों को मिलेगी मंजिल यकीनन उनके फैले हुए पर बोलते हैं वह लोग रहते हैं शान्त अक्सर, जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं आपने यह शायरी जरूर सुनी होगी ऐसा ही कुछ हुनर जबलपुर के शख्स प्रदीप पटेल का हैं जिन्होंने ऐसा कुछ कमाल कर दिखाया कि यह तरीका लोगों के लिए मिसाल सा बन गया है दरअसल, जबलपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर पनागर ब्लॉक के प्रदीप पटेल ने अपनी दुकान के शेड के नीचे पक्षियों को धूप से बचाने 35 घोंसले बनाए हुए हैं इसमें 60 चिड़ियों को उनका आशियाना मिला हुआ है इन घोसलों में चिड़िया के बच्चे और अंडे भी हैं प्रदीप इन पक्षियों से इतना प्रेम करते हैं कि वह दिन-रात उन्हें पानी दाना देते रहते हैं

दरअसल, ऐसा करने के पीछे प्रदीप सही वजह बताते हैं मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बोला कि उनकी दुकान है, जिसमें चिड़िया घोंसला बना लिया करती थी लेकिन दुकान की शटर खोलने और बंद करने के दौरान कई बार घोंसले टूट जाया करते थे यह बात प्रदीप को दुखी करती थी उन्हें रात-रातभर नींद नहीं आती थी कुछ दिनों बाद चिड़ियों ने दुकान के पास ही स्थित पेड़ पर अपने घोंसले बना लिए लेकिन उस पेड़ पर एक जहरीला सांप था जिसने प्रदीप की आंखों के सामने देखते चिड़िया के बच्चों और और अंडों को निवाला बना लिया इस घटना ने प्रदीप के मन पर ऐसा असर डाला कि वे चिड़ियों के लिए कुछ करने की ठान बैठे

खुद तैयार करते हैं घोंसला, अब लोगों को बांट रहे
पक्षी प्रेमी प्रदीप पटेल बताते हैं कि वह पिंजरा रूपी घोंसला स्वयं ही तैयार करते हैं लोग जब इस पिंजरे के बारे में पूछते हैं, तब उन्हें भी पिंजरा निःशुल्क में देते हैं उनका बोलना हैं पहले वह कार्टून की सहायता से पिंजरे बनाते थे लेकिन अधिक दिन न चलने के कारण लकड़ी (प्लाई) के पिंजरे बना देते हैं इसमें अनाज पानी की प्रबंध होती है

4 वर्ष में बना दिए 35 पिंजरे
प्रदीप ने मीडिया को कहा कि 4 वर्ष पहले चार पिंजरे थे वहीं अब यह संख्या बढ़कर 35 तक पहुंच चुकी है अब इन घोंसलों में करीब 70 से 80 चिड़िया रहती है यह पिंजरा दुकान के बाहर शेड के ऊपर लगाया गया है जो काफी सुरक्षित भी है घोंसले बनाने का यह सिलसिला जारी है वहीं अब दुकान के बाहर चिड़ियों की चहलकदमी भी बनी रहती है

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