स्वास्थ्य

हीटवेव से बढ़ रहे हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले

दिल्ली एनसीआर में भयंकर गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है एक तरफ सूरज की तपिश तो दूसरी तरफ चल रही गर्म हवाओं ने लोगों को बेहाल किया हुआ है तो वहीं चिकित्सक यह राय दे रहे हैं कि घर से यदि आप बाहर निकल रहे हैं तो अपने आप को पूरी तरह से कवर करके निकले ताकि हीट वेव से बचा जा सके वहीं दूसरी तरफ बीच-बीच में पेय पदार्थ पीते रहे गर्मी से बचने के लिए आपको लोग लस्सी का सेवन करते हुए आपको दिखाई दे जाएंगे लोगों का बोलना है कि गर्मी बहुत अधिक है तो ऐसे में लस्सी पीकर गर्मी से बचने की प्रयास की जा रही है दूसरी तरफ मौसम विभाग का यह बोलना है कि अभी गर्मी का पारा और भी अधिक चढ़ेगा यानी साफ है कुछ दिनों तक पढ़ रही भयंकर गर्मी से लोगों को राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है

मई का महीना समाप्त होने को है और जून की आरंभ होने वाली है, लेकिन जाता हुआ मई भयंकर गर्मी की मार मारता जा रहा है तापमान में हो रही बढ़ोतरी खतरे की घंटी साबित हो रही है  दिल्ली-एनसीआर के पार्ट मेरठ समेत पूरे वेस्ट उत्तर प्रदेश का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है धूप की तेज़ तपन और भयंकर गर्मी से रोंगों का ग्राफ भी काफी बढ़ गया है इन रोंगों में सबसे ज़्यादा हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के मुद्दे सामने आ रहे हैं धूप में ज़्यादा देर रहने से ब्रेन वाला खतरा सबसे ज़्यादा बढ़ रहा है यदि हम मेरठ के मेडिकल कॉलेज की बात करें, तो मेडिसिन विभाग की ओपीडी में रोज़ाना 500 मरीज़ से ज़्यादा पहुंच रहे हैं, जिनमें से 30 से 40 फीसदी तक मरीज़ हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के ही शामिल हैं मेडिसिन विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डाक्टर अरविंद कुमार ने कहा की जिस ढंग से भयंकर गर्मी हो रही है, उसमे यदि कोई आदमी ज़्यादा देर तक धूप में रहे तो उसको बेहोशी, सर दर्द, चक्कर आने और डिहाइड्रेशन की कम्पलेन होने लगती हैं, जो ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हैं

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