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सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को दी बड़ी राहत

Supreme Court : उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस मुठभेड़ स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बड़ी राहत दी है साथ ही न्यायालय ने सोमवार ( 8 अप्रैल ) को बोला कि उन्हें 2006 के फर्जी एनकाउंटर मुद्दे में मिली जीवन भर जेल की सजा भुगतने के लिए अगले आदेश तक सरेंडर करने की आवश्यकता नहीं है न्यायालय ने मुद्दे में उनकी जमानत याचिका पर महाराष्ट्र गवर्नमेंट से उत्तर मांगा है साथ ही बॉम्बे उच्च न्यायालय के 19 मार्च के निर्णय के विरुद्ध शर्मा की अपील स्वीकार करते हुए, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने बोला कि वह जमानत याचिका पर नोटिस जारी कर रही है

चार हफ्तों में सरेंडर करने का दिया निर्देश 

पीठ ने आदेश दिया, कि यह उच्च न्यायालय के बरी किए जाने के निर्णय को पलटने का मुद्दा है, जिसमें अपील अपीलकर्ता ने दाखिल की है वैधानिक अपील सुनवाई के लिए स्वीकार की जाती है उच्च न्यायालय ने उन्हें चार हफ्तों  में सरेंडर करने का निर्देश दिया है सुनवाई की अगली तारीख तक उन्हें सरेंडर करने की आवश्यकता नहीं है शर्मा ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को चुनौती दी है, जिसने उन्हें 2006 में गैंगस्टर छोटा राजन के कथित करीबी सहयोगी रामनारायण गुप्ता की फर्जी एनकाउंटर मुद्दे में जीवन भर जेल की सजा सुनाई थी

शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और वकील सुभाष जाधव ने बोला कि घटना लगभग 20 वर्ष पहले हुई थी और उनका मुवक्किल क्राइम स्थल पर नहीं था साथ ही उन्होंने बोला कि सिर्फ़ उनकी रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया है उच्च न्यायालय ने मुद्दे में 13 दूसरे आरोपियों, 12 पूर्व पुलिसवालों और एक अन्य आदमी की दोषसिद्धि और जीवन भर जेल की सजा को बरकरार रखा था

हाई न्यायालय ने सबूतों की कमी के वजह से शर्मा को बरी करने के सत्र कोर्ट द्वारा पारित 2013 के निर्णय को रद्द कर दिया था ग्यारह नवंबर 2006 को, पुलिस के एक दल ने नयी मुंबई के वाशी क्षेत्र से रामनारायण गुप्ता उर्फ ​​लखन भैया और उनके दोस्त अनिल भेड़ा को हिरासत में लिया था और उसी शाम रामनारायण गुप्ता को पश्चिमी मुंबई के वर्सोवा के पास एक फर्जी एनकाउंटर में मार डाला गया था

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