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लोन पर ब्याज वसूलने के लिए जताई गहरी चिंता, इन बैंकों को दिया आदेश

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी द्वारा ऋण लेने वाले कस्टमर्स से ब्याज वसूलने के लिए अनुचित तौर तरीका अपनाये जाने का मुद्दा पाया है आरबीआई ने बोला कि 31 मार्च 2023 को समाप्त हुए अवधि के दौरान बैंकों या एनबीएफसी जैसे रेग्यूलेटेड इकाईयों (Regulated Entities ) के ऑनसाइट जांच के दौरान पाया गया कि उधार देने वाली संस्थाएं ब्याज वसूलने के लिए अनैतिक और गलत तरीका अपना रही हैं ऐसे में आरबीआई ने सभी रेग्यूलेटेड इकाईयों को पारदर्शिता बनाये रखने के लिए लोन के डिस्बर्सल के तौर तरीकों, ब्याज रेट समेत दूसरे चार्ज वसूलने के उपायों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं

आरबीआई की बैंकों
भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 अप्रैल 2024 को सभी कमर्शियल बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंकों, ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों समेत एनबीएफसी को सर्कुलर जारी इस आदेश को फौरन लागू करने को बोला है आरबीआई ने कज देने वाली वित्तीय संस्थाओं से मुनासिब कदम उठाने के साथ सिस्टम लेवल चेंज करने को भी बोला है आरबीआई ने बोला कि ब्याज रेट वसूलने जाने के नॉन-स्टैंडर्ड प्रैक्टिस कस्टमर्स के लिए ना तो मुनासिब है और ना ये पारदर्शी है

ब्याज वसूली का अनैतिक तरीका
आरबीआई ने कहा कि ऑनसाइट जांच के दौरान उसने पाया कि लोन के डिस्बर्समेंट वाले तारीख की स्थान कस्टमर्स से लोन की स्वीकृति वाले तारीख या फिर लोन एग्रीमेंट वाले तारीख से ही ब्याज वसूला जा रहा है इसी प्रकार जिन मामलों में चेक के जरिए लोन दिया जा रहा है ऐसे मामलों में कस्टमर को जिस तारीख को चेक सौंपा जा रहा उसकी स्थान जिस तारीख को चेक बना उसी तारीख से कस्टमर्स से ब्याज वसूले जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जा रही है जो कि अनैतिक है

आरबीआई ने अपनी जांच में पाया कि यदि महीने के दौरान लोन डिस्बर्स किया जाता है या रीपेमेंट किया जाता है तो कुछ बैंक या वित्तीय संस्थाएं जितने समय के लिए लोन बकाया था उसकी स्थान पूरे महीने के लिए लोन पर ब्याज वसूल रही हैं कुछ मुद्दे में आरबीआई ने पाया कि कुछ बैंक या वित्तीय संस्थाएं एक या उससे अधिक इस्टॉलमेंट एडवांस में ले रही हैं लेकिन ब्याज पूरे लोन अमाउंट पर वसूल रही हैं

आरबीआई की चिंता
आरबीआई ने बैंकों वित्तीय संस्थाओं के अपारदर्शिता वाले कदमों को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है आरबीआई ने बोला कि जब भी उसके संज्ञान ये बातें आई है तो अपने सुपरवाइजरी टीम  के जरिए रेग्यूलेटेड इकाईयों से कस्टमर्स को अधिक वसूले गए ब्याज को लौटाने का आदेश दिया है आरबीआई ने बोला कि लोन देने के मुद्दे में जहां चेक के जरिए धनराशि दिया जा रहा है उस मुद्दे में वित्तीय संस्थाओं को औनलाइन एकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए बोला जाता है

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