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ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने चार विदेशी नागरिकों को किया गिरफ्तार

 ग्रेटर नोएडा में बीते 18 अप्रैल को एक ड्रग फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चार विदेशी नागरिकों को अरैस्ट किया था. उनके साथ की दो लड़कियां अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. इनमें से एक लड़की के नाम पर ही रेंट एग्रीमेंट बनवाकर घर को किराए पर लिया गया था.

यह लड़की ग्रेटर नोएडा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती है. संभावना जताई जा रही है कि इसके साथ पढ़ने वाले कई और विद्यार्थी भी इस गिरोह में शामिल हो सकते हैं. पुलिस सभी एंगल से मुद्दे की जांच कर रही है.

अब तक की जांच में पता चला है कि करीब 200 करोड़ की जो ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है, उसमें मकान का रेंट एग्रीमेंट एक विदेशी लड़की के नाम पर था. वह लड़की ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में स्थित शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

पुलिस को संभावना है कि उसके साथ पढ़ने वाले कई बच्चे इस गैंग का हिस्सा हो सकते हैं. छात्रा का भाई ड्रग फैक्ट्री का हिस्सा था, जो अरैस्ट हुआ है.

अधिकारियों के मुताबिक, अरैस्ट चारों लोग मूल रूप से नाइजीरिया के रहने वाले हैं. जांच से पता चला है कि इसमें दो लड़कियां भी शामिल हैं, जो अभी फरार हैं. इनमें से एक लड़की अरैस्ट आरोपी की बहन है, जिसके नाम पर रेंट एग्रीमेंट है.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि उस छात्रा ने रेंट एग्रीमेंट में अपने आप को शारदा यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट कहा था. हालांकि, इस मुद्दे की अभी जांच की जा रही है.

ग्रेटर नोएडा के थाना ईकोटेक-1, थाना दादरी और स्वाट टीम ने एक सूचना के आधार पर गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के पास से ओनय्कची फ्रैंक और इमैनुवल को अरैस्ट किया था. इनके पास से पुलिस ने एक कार में रखी हुई एमडीएमए नशीला पदार्थ बरामद किया था. पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने कहा कि ओमिक्रान-1 में स्थित एक मकान में वो रहते हैं और वहां पर एमडीएमए समेत अन्य नशीला पदार्थ बनाने की फैक्ट्री चलाते हैं.

इस पूछताछ के बाद पुलिस ने उस मकान में छापा मारकर वहां उपस्थित इफेनयी जॅनबॉस्को और चिडी को अरैस्ट किया. इनके पास से बनी हुई कुल 26 किलो 760 ग्राम क्रिस्टल (एमडीएमए पाउडर) बरामद किया गया. इसके अतिरिक्त गैरकानूनी रूप से नशीला पदार्थ बनाने में प्रयोग होने वाला कच्चा माल, उपकरण, रासायनिक माल, रसायन और दो कार बरामद हुई है.

पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि आरोपी नाइजीरिया से आकर हिंदुस्तान में गैरकानूनी रूप से रह रहे थे. ये लोग नशीला पदार्थ बनाकर राष्ट्र के विभिन्न भागों में और यहां के कई यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेचते थे. रेंट एग्रीमेंट में लड़कियों के नाम लिखे हुए हैं. इन आरोपियों के साथ दो लड़कियां और शामिल हैं, जो मूल रूप से अफ्रीका की रहने वाली हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

गौरतलब है कि इस मुद्दे में पुलिस ने पकड़े गए चारों आरोपियों के टेलीफोन को फॉरेंसिक टीम के पास भेजा है, ताकि उनके टेलीफोन के डाटा को रिकवर कर उनके ग्राहकों और अन्य कनेक्शन को खंगाल जा सके. सभी आरोपियों ने तीन से चार महीने पहले ही यह मकान किराए पर लिया था और उसके बाद इसे ड्रग की फैक्ट्री के रूप में परिवर्तित कर दिया था. आरोपी ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग के बाद अपने एजेंट, औनलाइन ऑर्डर, शॉपिंग एप्स के माध्यम से ड्रग्स का निर्यात दिल्ली एनसीआर के कॉलेज यूनिवर्सिटी ओर नॉर्थ ईस्ट राज्यों में करने की योजना में थे.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ड्रग्स की मैन्युफैक्चरिंग के बाद इसे कोरियर के माध्यम से विदेश में भी सप्लाई करने की फिराक में थे.

 

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