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सरकार ने EU, G7 द्वारा रूसी हीरों के आयात पर प्रतिबंध का मुद्दा उठाया है : जयशंकर

हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने यूरोपीय संघ (ईयू) और जी7 राष्ट्रों द्वारा रूसी बिना पॉलिश हीरों के आयात पर लगाए गए प्रतिबंध पर विचार कर रही है. क्योंकि इसका असर सूरत के हीरा पॉलिशिंग उद्योग पर पड़ रहा है. यह बात बोलना है विदेश मंत्री एस जयशंकर का. सूरत में उन्होंने बोला कि हमारे लिए यह प्राथमिक मामला बन गया है. हम इसका निवारण निकालने का कोशिश करेंगे. पीएम मोदी ने स्वयं विभिन्न नेताओं के साथ इस मामले को उठाया है और मुझे बेल्जियम सहित विभिन्न राष्ट्रों में भेजा है, जिससे मैं वहां की गवर्नमेंट के साथ इन मुद्दों पर बात कर सकूं.

रूस-यूक्रेन युद्धविराम से हल हो सकता है मुद्दा
एस जयशंकर ने सोमवार को सूरत में दिशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित युवा व्यापारिक नेताओं के साथ बात की. इस दौरान उन्होंने बोला कि 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ ने रूसी हीरे के आयात पर प्रतिबंध लगाया है और दुनिया के सबसे अमीर राष्ट्रों का समूह जी7 भी इसी कदम में आगे बढ़ रहा है. जयशंकर ने बोला कि ईयू ने अभी एक कैरेट हीरे पर प्रतिबंध लगाया है और यदि रूस-यूक्रेन के बीच युद्धविराम होता है तो इस मामले को हल किया जा सकता है लेकिन इसकी आसार निकट भविष्य में कम ही है.

पीएम मोदी ने बेल्जियम के पीएम से की बात
जयशंकर ने बोला कि युद्ध के कारण भारतीय हीरा उद्योग के लिए चुनौतियां आ रही हैं. हम मामले पर सामूहिक और द्विपक्षीय आधार पर चर्चा कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संबंध में बेल्जियम के पीएम अलेक्जेंडर डी क्रू से बात की थी. अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अगले कुछ दिन में दोबारा उनसे बात करेंगे. उन्होंने बोला कि हमारा लक्ष्य ईयू और जी7 समूह के राष्ट्रों को यह समझाना है कि उनका निर्णय तीसरे राष्ट्र को हानि पहुंचा रहा है न कि उनके लक्ष्य रूस को.

चीन का मामला भी रखा
चीन की हरकतें और बयानबाजी किसी से छिपी नहीं है. चीन अक्सर अपने पड़ोसी के साथ विवादों के कारण सुर्खियों में रहता है. इस बीच, अरुणाचल प्रदेश के उपस्थित स्थानों के नाम बदलने की एक बार फिर चीन ने ड्रैगन चाल चली है. चीन के दावे को खारिज करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला कि नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ेगा. वे भी जानते हैं कि अरुणाचल प्रदेश हिंदुस्तान का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.

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