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रील्स बनाने के शौक को पूरा करने के माँ ने अपने 8 माह के बच्चे को बेचा

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से एक चौंकाने वाला मुद्दा सामने आया है. यहां एक मां पर रील बनाने का ऐसा नशा छाया कि उसने अपने बच्चे को ही बेच दिया. वह आईफोन 14 iPhone 14 की दीवानी हो गई थी और उसे खरीदकर रील्स बनाने के शौक को पूरा करने के लिए उसने 8 माह के बच्चे को बेच दिया. पुलिस को जैसे ही इस मुद्दे की जानकारी हुई तो वह सक्रिय हो गई. पुलिस ने बच्चे की मां और बच्चे को खरीदने वाली स्त्री समेत 4 लोगों को पकड़ लिया है. उसका पिता फरार हो गया है. कहा गया है कि रील बनाने के लिए वह ट्रैवल कर रहे थे, तभी लोगों को उन पर बच्चा बेचने का संदेह हो गया.

यह अजीबोगरीब घटना पश्चिम बंगाल की है. यहां एक कपल ने कथित तौर पर इंस्टाग्राम रील्स बनाने के लिए आईफोन 14 खरीदने के लिए अपने 8 महीने के बच्चे को बेच दिया. उत्तर 24 परगना के पानीहाटी के गांधीनगर क्षेत्र में रहने वाले जयदेव घोष और उसकी पत्नी साथी घोष पर इल्जाम है कि उन्होंने iphone लेने के लिए अपने 8 महीने के बच्चे को बेच दिया. कहा जा रहा है कि साथी और जयदेव की एक 7 वर्ष की बेटी है और एक 8 महीने का बच्चा था. गत शनिवार से पड़ोसियों ने देखा कि घोष दम्पति की बेटा गायब है और उनके पास एक नया iphone आ गया है. जिससे दोनों दम्पति रील बना रहे थे. बाद में पड़ोसियों के बार बार पूछने पर दंपति ने कहा कि उन्होंने iphone के लिए अपने बेटे को बेच दिया है.

पड़ोसियों ने मुद्दा की जानकारी पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने आरोपी मां साथी को गिरफ़्तार किया है. साथ ही बच्चे को खरीदने वाली प्रियंका नामक स्त्री को भी गिरफ़्तार किया है. इल्जाम है कि बच्चे को 2 लाख रुपये में बेचा गया गया. बच्चे को बेचने के इल्जाम में पुलिस ने मां सहित 4 लोगों को गिरफ़्तार किया है.

बताया गया है कि बच्चा होने के पहले स्त्री ने अबॉर्शन की भी प्रयास की थी. इस बारे में जानकारी मिलने पर पेशे से आया और पड़ोसी शांति मंडल और बिचौलिया तापस मंडल ने दंपति का झूमा मांझी नामक स्त्री से परिचय करवाया. जिसने अपनी जमीन बेचकर शुक्ला दास के 11 दिन के बच्चे को दो लाख रुपये में ख़रीदा. इस मुद्दे के बाद झूमा के पड़ोसी उत्तम हाल्दर ने नरेन्द्रपुर पुलिस स्टेशन में इसकी कम्पलेन दर्ज कराई. जिसकी जांच करने के बाद पुलिस ने शुक्ला दास, मंडल दम्पति और झूमा माझी को गिरफ़्तार किया है.

 

इस मुद्दे में आरोपी बिचौलिया ने कहा कि बच्चे की मां ने मुझसे बोला कि मैं बच्चे को बड़ा नहीं कर पाउंगी. बच्चे का पिता कौन है वो जानती ही नहीं. इसीलिए मैंने झूमा दीदी से बोला कि वह बच्चे को लेकर बड़ा करें. झूमा मांझी ने कहा कि बच्चे की मां ने मुझसे बोला मुझे अयुविधा है. तबीयत ख़राब है. मैंने उसे कुछ पैसे दिये. मुझसे बोला बच्चे को देखिये, उसने लोन लिया था उसे चुकाने के लिए मैंने दो लाख दिये. मैंने अपनी ज़मीन बेचकर उसे पैसे दिए हैं.

मां ने कहा, मैं तो अबॉर्शन करवाना चाहती थी..
वहीं बच्चे की मां शुक्ला दास ने कहा, ‘मैं उस दीदी के पास गई थी कि बच्चे का पालन पोषण करिये. मैंने बेचा नहीं है. मेरे पति नहीं हैं वह मर गए हैं. मेरी तबियत खराब है इसलिए मैं एक वर्ष से काम नहीं कर पा रही थी. मैं तो अबॉर्शन कराना चाहती थी.’ वहीं आया का काम करने वाली शांति मंडल ने इस मुद्दे में बोला कि मैंने दीदी से केवल बच्चे को संभालने को लेकर बात की थी.

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