मां दुर्गा व उनकी शक्तियों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो 9 दिनों तक लगाएं ये भोग
साल में 4 बार नवरात्रि आती हैं। दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार सामान्य नवरात्रि रखी जाती है। इस बार माघ महीने की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी मतलब आज से आरम्भ होने जा रही है तथा इनका समाप्ति 18 फरवरी को होगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है। गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है। इस दौरान महाविद्या के 10 स्वरूपों का पूजन किया जाता है। वही आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। यदि आप भी मां दुर्गा और उनकी शक्तियों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो 9 दिनों भिन्न-भिन्न भोग मां दुर्गा को लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के 9 दिन के भोग:-
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है तथा उन्हें सफेद रंग से बनी वस्तुओं का भोग लगाया जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से आदमी को बीमारी रहित जीवन मिलता है।
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन होता है। उन्हें मिश्री तथा पंचामृत से बना प्रसाद चढ़ाया जाता है। इससे आदमी को लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है तथा उन्हें दुध और दुध से बने उत्पाद चढ़ाए जाते हैं। इससे भक्तों को सभी प्रकार के दुखों से छुटकारा प्राप्त होता है।
चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन किया जाता है। उनकी पूजा करने से मनुष्य को तेज दिमाग एवं सूझबूझ भरे निर्णय लेने की क्षमता हासिल होती है। मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए मालपुए का प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
यदि आप निरोग जीवन और अच्छी स्वास्थ्य का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करें एवं उन्हें केले का भोग लगाएं।
छठे दिन मां कात्यायनी को शहद और शहद से बना भोग चढ़ाएं। कहते हैं कि ऐसा करने से मनुष्य का चरित्र निखरता है तथा रूप भी खिलता है।
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है तथा इस दिन उन्हें गुड़ का भोग लगाना चाहिए। इससे आदमी को समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी का पूजन होता है तथा इस दिन बच्चों के अच्छे भविष्य और विकास के लिए मां का आशीर्वाद लिया जाता है। मां को प्रसन्न करने के लिए नारियल का प्रसाद चढ़ाना शुभ माना गया है।
नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है तथा उन्हें चना पूरी, खीर और हलवे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इससे घर और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि का वास रहता है।