बेहद प्रसिद्ध है मेहंदीपुर बालाजी का पेड़ा, दूर-दूर से आते है लोग इसका स्वाद चखने
बालाजी नगरी के नाम से मशहूर मेहंदीपुर धाम अपने टेस्टी व्यंजनों के लिए भी एक अलग पहचान बनाने लगा है। बालाजी मंदिर के पास मोहन मिष्ठान भंडार के नाम से दुकान करीब 50 वर्ष से संचालित हो रही है। वैसे तो यहां बहुत सारी मिठाईयां खास है। लेकिन इनमें सबसे अधिक खास यहां की मिठाई पेड़ा है। मेहंदीपुर में पेड़ा इसलिए फेमस है कि यहां बालाजी महाराज के सबसे अधिक पेड़ा का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है। यही नहीं दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु मिठाई की पैकिंग करवाकर अपने साथ लेकर जाते हैं। यह मिष्ठान भंडार करीब 50 वर्ष पुराना है।
मिष्ठान भंडार के संचालक बताते हैं कि उनकी अब यह तीसरी पीढ़ी यहां पर यह काम कर रही है। ऐसे में हम लोग ग्राहकों की मांग और अपने मानकों का विशेष ध्यान रखते हैं। ताकि लोगों को यहां पर सही और अच्छी टेस्टी चीजें मिल सके। पेड़े का हमारा सबसे पुराना काम है। मोहन मिष्ठान भंडार संचालक मोहनलाल शर्मा ने कहा कि यह दुकान बहुत पुरानी है। हमारे यहां लगभग सभी मिठाई सही दूध से बनाई जाती है। सबसे पुराना काम हमारे यहां पेड़ा और छोटी बूंदी के लड्डू बनाने का है। हम लोग यहां पर दूधियों से दूध लेते हैं और बड़े ही साफ सुथरे ढंग से पेड़ा और लड्डू बनाते हैं। इन मिठाई का कोई अधिक दर भी नहीं है। मात्र 380 रूपए किलो में सही पेड़ा मिल जाती है। जबकि बूंदी के लड्डू 300 रुपए किलो के रेट से बेचे जाते हैं।
दूध-घी तैयार होती है ये बहुत बढ़िया मिठाई
मोहन मिष्ठान भंडार संचालक मोहन शर्मा ने कहा कि यहां पर एक दो मिठाई नहीं कई तरह की मिठाइयां बनाते हैं, जो मिठाइयां लगभग दूध में घी में ही बनाई जाती है। यहां दूध की मिठाई को दूध में बनाया जाता है।वह भी आसपास के गांव से ताजा दूध मंगा कर बनाया जाता है। दूध को गर्म करने के साथ उसको फाड़ कर मावा बनाने के बाद पेड़ा और बर्फी तैयार की जाती है। वहीं बेसन से छोटी बूंदी को घी में तैयार करते हुए चाशणी से निकाल कर छोटी बूंदी के लड्डू तैयार किए जाते हैं।
दुकान कर्मचारी बताते हैं कि बालाजी मंदिर के पास मोहन मिष्ठान भंडार के नाम से दुकान करीब 50 वर्ष से संचालित हो रही है। उनकी दुकान पर ताजा दूध से बरफी, मिल्क केक, पेड़ा, गुलाब जामुन, डोडा बरफी और छोटी बूंदी के लड्डू सही देशी घी में तैयार किए जाते हैं। जिनमें बरफी, मिल्क केक और पेड़ा 380 रुपए किलो, जबकि बूंदी के लड्डू 300 रुपए किलो के रेट से बेचे जाते हैं। मिठाइयों की उच्च गुणवत्ता के चलते उनके यहां सबसे अधिक बिक्री होती है। यही नहीं दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु मिठाई पैकिंग करवाकर अपने साथ लेकर जाते हैं।