जानिए, डेंगू से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय
बरसात में जलजमाव होने के कारण मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियां बढ़ जाती हैं। इनमें डेंगू रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है। डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी की वजह से रोगियों की मृत्यु भी हो सकती है। रांची, जमशेदपुर समेत झारखंड के कई हिस्सों में डेंगू के रोगी प्रतिदिन हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं। इस रोग में बुखार, बदन दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी होती है। डेंगू बुखार के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक होते हैं। गंभीर लक्षण डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) और डेंगू रक्तस्रावी बुखार (डीएचएफ) का संकेत दे सकते हैं। इनमें तुरन्त चिकित्सा ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है। डेंगू का वायरस मूल रूप से चार तरह का होता है। सीरो टाइप डन 2 और डन सीरो टाइप 4 अधिक घातक होता है। डेंगू वाले मच्छर के किसी आदमी को काटने के बाद डेंगू का वायरस इंस
डेंगू बुखार से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। मच्छरों के काटने से बचने के लिए कदम उठाना। डेंगू के लक्षणों की बात करें तो डेंगू के लक्षण आमतौर पर 3 से 10 दिन के भीतर प्रकट होते हैं
डेंगू के लक्षण
- बुखार- ज्यादातर रोगियों को तेज बुखार होता है, जो अचानक उठता है और 3 से 7 दिन तक चलता है।
- शरीर में दर्द- डेंगू के रोगियों में जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है।
- सिरदर्द- रोगी को मांसपेशियों के साथ-साथ सिरदर्द भी हो सकता है।
- छोटी-छोटी चकत्ते – डेंगू के रोगियों की त्वचा पर छोटे-छोटे लाल रंग के चकत्ते पाए जा सकते हैं।
- नीचे की पीठ में दर्द– कुछ रोगियों में पीठ के नीचे भी दर्द हो सकता है।
- सूखी खांसी- कुछ लोगों को सूखी खांसी होती है, जो लंबे समय तक चलती है ।
- थकान और कमजोरी- डेंगू के रोगी काफी थकान महसूस करते हैं और शारीरिक कमजोरी महसूस होती है।
- आखों के पिछले हिस्से में दर्द, आखों में लाली होना, गले में दर्द, छाती में दर्द, घबराहट और बेचैनी होना, उल्टियां होना।
- शरीर में प्लेटलेट्स की कमी, नाक से खून आना, ग्लैंड्स में सूजन होना लक्षण शामिल हैं।
डेंगू होने का कारण
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो डेंगू वायरस (DENV) के कारण होता है, यह वायरस संक्रमित मादा मच्छरों, मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर ( Aedesaegypti) के काटने से मनुष्यों में फैलता है जब एडीज एजिप्टटी मच्छर किसी डेंगू संक्रमित आदमी का खून पीता है, तो उसमें उपस्थित वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश करता है। इस मच्छर की विशेषता यह है कि यह दिन में ही काटता है। सूर्याेदय के दो से तीन घंटे बाद और सूर्यास्त के दो से तीन घंटे पहले यह काटता है। इस समय हमें मच्छर के काटने से बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है।जब गर्भवती होने पर मां को DENV संक्रमण होता है, तो बच्चे समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन और भ्रूण संकट से पीड़ित हो सकते हैं।
डेंगू से बचाव के लिए कुछ जरूरी उपाय
- डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। घर में कूलर, फ्रीज और फ्लावर पॉट या बाहर पड़े बर्तन के जमा साफ पानी में डेंगू का लार्वा पनप सकता है। ऐसे में इनमें पानी जमा नहीं होने दें।
- डेंगू से बचाव के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट का प्रयोग करें | मच्छर भगाने के लिए क्वाइल का भी प्रयोग कर सकते हैं। खिड़की में जाली का इस्तेमाल कर सकते हैं
- आप दिन के समय मच्छरों के काटने से बचकर डेंगू के खतरे को कम कर सकते हैं।
- ऐसे कपड़े पहने जो आपके शरीर के अधिकतर भाग को ढकें।
- टैंक, नालियां और गमलों में जमे हुए पानी को लगातार साफ करना महत्वपूर्ण है।
- यदि किसी को भी डेंगू हो जाता है, तो यह जरूरी है कि उसे पूरा आराम मिले।
- निर्जलीकरण को रोकने में सहायता के लिए खूब सारे तरल पदार्थ पियें
- दर्द के लिए पैरासिटामोल का इस्तेमाल करें
- गंभीर लक्षणों पर नज़र रखें और यदि आपको कोई लक्षण नज़र आए तो जल्द से जल्द अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
- डेंगू बुखार के अधिकतर मामलों का उपचार घर पर दर्द की दवा से किया जा सकता है।
- डेंगू बुखार से ग्रस्त बीमार को रोग के प्रारम्भ के 6-7 दिनों तक मच्छरदानी से ढंके हुए बिस्तर पर ही रखें ताकि मच्छर उस तक ना पहुँच पायें। इस तरीका से दूसरे लोगों को बुखार से बचाने में सहायता मिलेगी।
- डेंगू का थोड़ा भी संदेह हो, तो हॉस्पिटल जायें।
- गंभीर डेंगू से पीड़ित लोगों के लिए अक्सर हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत होती है।
डेंगू से बचाव का घरेलू उपाय
- नारियल पानी अधिक पियें।
- तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें और फिर इस पानी को पियें।
- मेथी की पत्तियों की चाय बनाकर पियें।
- पपीते की पत्तियों को पीसकर या फिर पानी में उबालकर पियें।
- एक गिलास गाजर के जूस में चुकंदर का जूस मिलाकर पियें।