देश ने जारी की दवाइयों को लेकर चेतावनी, खत्म हुआ दवा का स्टॉक

देश ने जारी की दवाइयों को लेकर चेतावनी, खत्म हुआ दवा का स्टॉक

अभी का समय फ्लू का चल रहा है जब भी मौसम में परिवर्तन होता है, रोंगों का खतरा बढ़ जाता है सर्दी-खासी और बुखार इसमें सबसे कॉमन हैं बड़ों के लिए तो इन रोंगों के क्योर के लिए कई दवाइयां है लेकिन सबसे अधिक मुसीबत बच्चों को हो जाती है बड़े तो दवाइयों के साथ काढ़ा या होममेड रेमिडीज भी उपयोग कर लेते हैं लेकिन बच्चों को, खासकर एक वर्ष के नीचे के बच्चों को इन रोंगों की दवाइयां देना डॉक्टर्स अवॉयड ही करते हैं यदि देनी भी पड़े तो उसकी मात्रा भी काफी लिमिटेड है

छोटे बच्चों को बुखार या फ्लू हो जाने पर पैरासिटामोल या कालपोल जैसे ड्रग्स ही दिए जाते हैं इन्हें लिक्विड फॉर्म में दिया जाता है लेकिन दुनिया में एक ऐसा राष्ट्र है, जिसने इन दवाइयों को लेकर अब वॉर्निंग जारी की है जी हां, यूके के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ताजा वार्निंग में बोला है कि राष्ट्र में कालपोल, गाविस्कों और लेमसिप जैसी दवा कंपनियों का स्टॉक समाप्त होने की कगार पर है शॉर्टेज की वजह से ये दवाइयां किसी भी मेडिकल शॉप में नहीं मिल रही है ऐसे में यदि बच्चों को फ्लू होता है तो उपचार काफी कठिनाई हो जाएगा

दर्द से परेशान हो जाएंगे बच्चे
यूके के Association for Independent Multiple Pharmacies की चीफ एग्जीक्यूटिव डॉ लीला हनबेक के मुताबिक़, राष्ट्र के कई फार्मेसी और केमिस्ट्स के पास दवाइयों का शॉर्टेज चल रहा है इसमें लिक्विड पैरासिटामोल और आइबूप्रोफेन शामिल है ये दवाइयां बच्चों को फ्लू में दी जाती है यदि इनका शॉर्टेज यूं ही रहा तो भविष्य में बच्चों की परेशानी बढ़ जाएगी दवा ना होने पर उनके उपचार में देरी होगी, जिससे कुछ भी हो सकता है

जुगाड़ में लगे दुकानदार
यूके के फार्मासिस्ट इस जुगाड़ में लगे हैं कि उन्हें इन दवाइयों का कोई ऑप्शन मिल जाए ताकि यदि कोई बीमार पड़ जाए तो टोटल शॉर्टेज का सामना ना करना पड़े हालांकि, ये बात भी सामने आ रही है कि इस राष्ट्र में ना केवल बच्चों की दवाइयां, बल्कि कई अन्य कॉमन रोंगों की दवा भी आउट ऑफ़ स्टॉक होती जा रही है चाहे वो नेजल स्प्रे हो या पेट दर्द की दवा अब इस बारे में लोगों को संदेह हो रहा है कि दवाइयों के मूल्य बढ़ाने के लिए जानते हुए इनकी सप्लाई बंद की गई है या फिर वैसे ये दवाइयां हिंदुस्तान और चीन से भेजी जाती है, इस वजह से इनकी सप्लाई बंद की गई है चाहे जो भी हो, ये तो तय है कि यदि यूं ही शॉर्टेज रहा तो वहां बच्चों के उपचार में परेशानी होना तय है