रमजान के महीने में लोग रोजा रख कर खुदा की इबादत

मुस्लिम धर्म में रमजान (Ramadan 2023) का महीना पाक महीना होता है। रमजान के महीने में लोग रोजा रख कर खुदा की इबादत करते हैं। पूरे राष्ट्र में मुसलमान धर्म के लोग रोजा रखते हैं जिसमें वह 14 घंटे से अधिक बिना कुछ खाए और पिए रहकर खुदा की इबादत करते हैं। हरिद्वार में राष्ट्र की दूसरी बड़ी दरगाह पिरान कलियर शरीफ (Piran Kaliyar Sharif Haridwar) है, जहां रमजान का पूरा महीना दरगाह पर आने वाले जायरीन और कलियर के आसपास रहने वाले मुसलमान धर्म के लोग अपना रोजा इफ्तार करते हैं।
इन सभी के रोजा इफ्तार करने के लिए दरगाह में परिसर में पकौड़ियां, फ्रूट चाट, शरबत आदि सभी की प्रबंध दरगाह की तरफ से की जाती है। दरगाह में सभी धर्म से जुड़े लोग आते हैं। मुसलमान धर्म के साथ गैर मुसलमान धर्म के लोग भी आते हैं, जो दरगाह परिसर में रोजा इफ्तारी के लिए मिलने वाली सामग्री को लेते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
दस्तरखान सजाया जाता है
पिरान कलियर शरीफ दरगाह में साहिबजादा शाह यावर ऐजाज कुद्दुसी साबरी बताते हैं कि रमजान का पूरा महीना प्यार मोहब्बत का महीना होता है। दरगाह में हर धर्म से जुड़े लोग यहां बैठते हैं। रोजा इफ्तारी से कुछ मिनटों पहले यहां पर दस्तरखान सजाया जाता है जिन पर हर धर्म से जुड़े लोग आपस में मिल जुलकर बैठते हैं। दरगाह की ओर से उन सभी के रोजा इफ्तारी करने के लिए प्रबंध की जाती है जिसमें फ्रूट चाट, पकौड़ियां, शरबत आदि चीजें उन्हें दी जाती हैं। यहां आने वाले जायरीन अपना रोजा इफ्तारी करते हैं। वह बताते हैं कि हर वर्ष ऐसे ही साबिर साहब की दरगाह में आने वाले लोग रोजा इफ्तारी करते हैं। दरगाह में हर धर्म से जुड़े लोग सच्ची श्रद्धा और आस्था लेकर आते हैं, जिन्हें शरबत और अन्य खाने पीने की चीजें दी जाती हैं। अन्य धर्म के लोग इस दिन दी जाने वाली सामग्री को प्रसाद के जैसे लेकर खाते हैं।
एक हजार से अधिक लोगों का जमावड़ा
दरगाह में दूसरे खादिम मुनव्वर अली साबरी बताते हैं कि राष्ट्र में बहुत सी स्थान लोगों की रोजा इफ्तारी के लिए प्रबंध की जाती है, वैसे ही कलियर शरीफ दरगाह में भी व्यवस्थाएं हर वर्ष पूरा रमजान का महीना की जाती हैं। कलियर शरीफ दरगाह में राष्ट्र विदेश से जायरीन दरगाह में आते हैं, जिनके लिए भी विशेष तौर पर रोजा इफ्तारी की प्रबंध होती है। ऐसे में दरगाह में प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोग आपस में बैठकर अपना रोजा इफ्तार करते हैं।