. बीजेपी मुख्य प्रवक्ता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर लगाएं ये तीन बड़े आरोप

. बीजेपी मुख्य प्रवक्ता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर लगाएं ये  तीन बड़े आरोप

शिमला. बीजेपी मुख्य प्रवक्ता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर तीन बड़े आरोप जड़े है.

शर्मा का पहला आरोप यह है कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में जनविरोधी फैसला ले रही है हिमाचल गवर्नमेंट ने पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों का अनुसरण करते हुए डॉक्टरों के लिए नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस यानी एनपीए को बंद कर दिया है. 17 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय को स्वीकृति दी गई है. एनपीए एक साथ एलोपैथी, डेंटल, आयुष और वेटरनरी चारों के लिए बंद कर दिया गया है.

नए डॉक्टरों को अब नहीं मिलेगा एनपीए. अधिसूचना 24 मई को जारी की गई है इसके मुताबिक हिमाचल प्रदेश में हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट में भर्ती होने वाले एमबीबीएस डॉक्टर, डेंटल आयुष के चिकित्सक सहित एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट में भर्ती होने वाले वेटरनरी चिकित्सक को एनपीए नहीं मिलेगा. अधिसूचना में इस बात का जिक्र नहीं है कि नए भर्ती होने वाले चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं या नहीं.
इससे सिर्फ हिमाचल प्रदेश के चिकित्सक ही नहीं हिमाचल की जनता भी प्रभावित होगी.
वेतन में कमी आने के कारण चिकित्सक सरकारी जॉब के इच्छुक नहीं होंगे और इसमें प्रदेश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर पड़ेगा.

उन्होंने बोला बीजेपी एनपीए बंद करने की कड़ी निंदा करती है और गवर्नमेंट से मांग करती है कि इस को जल्द से जल्द बहाल किया जाए.
उन्होंने बोला कांग्रेस ने हिमाचल में महंगाई को बढ़ावा दिया है, सरकारी संस्थान बंद किए, विधायक निधि बंद की, बिजली महंगी की गई, इसके साथ-साथ विकास रोकने वाला जन विरोधी कृत्य भी किया गया.

पिछली बीजेपी के समय जो विकास के लिए फंड का प्रावधान हुआ था उसको भी विकास के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा.
मिली सूचना के अनुसार 305 करोड रुपए पीडब्ल्यूडी और 250 करोड़ पर जल शक्ति विभाग का 31 मार्च तक सिलेंडर हो गया है.

हिमाचल के ठेकेदारों ने जो काम किए उनकी पेमेंट भी नहीं हो पा रही है.
विकास के आधे अधूरे कामों को भी विभाग ने वही रोक दिया है, जारी किए गए टेंडरों को भी किया कैंसिल कर दिया गया है,इन विभागों के मंत्रियों से जब पूछो तो वह खामोशी धारण कर लेते हैं.

भाजपा गवर्नमेंट के दौरान विद्यालयों में निःशुल्क वर्दी के साथ-साथ विद्यालय बैग और पानी की बोतल भी दी जाती थी और इस गवर्नमेंट ने ना बैग दिए ना पानी की बोतल दी.

शिमला शहर के भीतर जो लिफ्ट में 10 रू किराया लगता था उसको बढ़ाकर 20 रू कर दिया गया है और इसमें सीनियर सिटीजंस को भी राहत नहीं दी गई है.
इस फैसला से आम जनता के साथ-साथ पर्यटक भी प्रभावित होगा, यह जनविरोधी के साथ-साथ प्रदेश विरोधी फैसला भी है और बीजेपी इसकी कड़ी निंदा करती है.
कामगार बोर्ड के माध्यम से काम करने वाले श्रमिकों को गवर्नमेंट द्वारा अनेकों फायदा दिए जाते थे इस गवर्नमेंट ने यह सभी फायदा बंद कर दिए है.

शर्मा ने दूसरे आरोप में बोला कि हिमाचल के सीएम जनता को असत्य बोलकर गुमराह करते हैं.
मुख्यमंत्री ने बोला कि सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की जांच 1 महीने में पूरी होगी पर वक्तव्य दिए 2 महीने हो गए हैं और अभी तक कुछ नहीं हुआ.
लिखित परीक्षा के परिणाम 1 हफ्ते के भीतर निकले जाएंगे पर अभी तक नहीं निकले,
नगर निगम शिमला के चुनावों के दौरान कर्मचारियों को प्रभावित करने के लिए 2 वर्ष के कॉन्ट्रैक्ट पर लगे लोगों को रेगुलर करने की घोषणा की पर वह भी पूरी नहीं हो पाई.

शर्मा ने तीसरा आरोप लगाया कि हिमाचल की वर्तमान गवर्नमेंट करप्शन में सम्मिलित है. 6 महीने के भीतर ही सीएम का कार्यालय करप्शन का अड्डा बनता दिखाई दे रहा है, कुछ दिन पहले एक करप्शन पर कथित पत्र हमारे समक्ष आया.

मुख्यमंत्री और उनके नेता इस पत्र को गुमनाम करार देकर पल्ला झाड़ने का कोशिश कर रहे हैं, यदि हम उस पत्र को पूरी तरह से पड़ेंगे तो वह पूरी तरह गुमनाम नहीं है. पत्र लिखने वाले आदमी ने बोला है कि “मैं सरकारी कर्मचारी हूं, मैं सीएम कार्यालय में तैनात था और जब मैंने इस प्रकार के करप्शन का विरोध किया तो मुझे सीएम कार्यालय से बदल दिया गया. यदि इस मुद्दे की गंभीरता से जांच होगी तो मैं सामने आकर सबूत भी देने को तैयार हूं.

ऐसे आरोपों से सीएम का पल्ला झाड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह जीरो टोलरेंस वाली गवर्नमेंट पहले 6 महीने के अंतराल में ही करप्शन में सम्मिलित होती दिखाई दे रही है.
किन्नौर जिले में एक विद्युत परियोजना का मामला सामने आया है वह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की देखरेख में मैसेज पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड बना रही है.

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन कि 18 मई 2023 को समापन हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में मेसर्स पटेल इंजीनियरिंग को क्या फायदा दिया गया?
क्या यह सत्य नहीं है कि इस मीटिंग में इस कंपनी को एक्सटेंशन दी गई है,
समय पर यदि प्रोजेक्ट पूरा नहीं होता तो उस प्रोजेक्ट को पेनल्टी लगती है पर यहां इस प्रोजेक्ट को एक्सटेंशन दी गई.