उत्तर प्रदेश

गोरखपुर एम्स के कार्यकारी निदेशक पद से हटाया गया डॉ. सुरेखा किशोर को…

AIIMS Gorakhpur News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्यकारी निदेशक पद से डाक्टर सुरेखा किशोर को हटा दिया गया करीब 17 महीने उनका कार्यकाल बचा था केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिश पर यह कार्रवाई हुई है सीवीसी एम्स निदेशक के विरुद्ध मिली शिकायतों की जांच कर रही थी इसकी पुष्टि एम्स के उपनिदेशक प्रशासन (डीडीए) अरुण कुमार सिंह ने की वहीं, पटना एम्स के निदेशक डाक्टर जीके पाल को एम्स गोरखपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है उप निदेशक प्रशासन ने कहा कि डाक्टर सुरेखा के विरुद्ध कुछ शिकायतें की सीवीसी जांच कर रही है जांच प्रभावित होने की संभावना में सीवीसी ने कमेटी ऑफ कैबिनेट को कार्रवाई की सिफारिश की इस पर कमेटी ऑफ कैबिनेट ने कार्यकारी निदेशक को पद से हटाने की स्वीकृति दी

एम्स डीडीए अरुण कुमार सिंह ने ने कहा कि एम्स निदेशक को तैनात करने का अधिकार कमेटी ऑफ कैबिनेट को है इस कमेटी ने ही एम्स निदेशक को वापस भेजने का निर्णय किया है कहा जा रहा है कि उनके दो पुत्रों की एम्स में तैनाती को लेकर कुछ शिक्षकों ने सीवीसी में कम्पलेन की थी सूत्रों की मानें तो यही उनके पद से हटने का आधार बना है अब वह दोबारा एम्स ऋषिकेश में ज्वाइन करेंगी पटना के एम्स के निदेशक जीके पाल को छह महीने के लिए गोरखपुर एम्स का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है वह बुधवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे

काम न करने वाले डॉक्‍टर रडार पर 
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में काम न करने वाले डॉक्टर अब रडार पर आ गए हैं खास तौर पर वह डॉक्टर जो ओपीडी में रोगियों को कम देख रहे हैं इसके साथ ही उनके भर्ती रोगियों की संख्या भी काफी कम है इसके कुछ विभागाध्यक्ष भी हैं रडार पर आए कुछ डॉक्टरों के वार्ड में ज्यादातर बेड खाली हैं विभाग को आवंटित बेड, तैनात डाक्टर और पैरामेडिकल के सापेक्ष रोगी भर्ती हो ही नहीं रहे अब यह ऐसे डॉक्टर रडार पर आ गए हैं यह डॉक्टर काम नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई हो जाएगी यह चेतावनी एम्स के गवर्निंग बॉडी के प्रेसिडेंट राष्ट्र दीपक वर्मा ने दी

उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से डॉक्टरों के काम की मॉनिटरिंग चल रही है अब पानी सिर के ऊपर चला गया है कुछ डॉक्टरों के विरुद्ध कम्पलेन मिली थी कि वह जानबूझकर रोगियों की भर्ती नहीं करते उनके विभाग के वार्ड खाली रहते वह रोगी को दूसरे हॉस्पिटल जाने की राय देते अब डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय होगी जो डॉक्टर रोगी के भलाई में काम नहीं करेगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी

ब्लड बैंक संचालन में देरी की तय होगी जिम्मेदारी 
उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक का संचालन में देरी हो रही है यह अब तक प्रारम्भ नहीं हुआ आधे अधूरे कागज के साथ ड्रग विभाग में आवेदन कर दिया गया इस ब्लड बैंक को प्रारम्भ करने का टारगेट 31 दिसंबर दिया गया था इसकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी अधूरा आवेदन करने वाले और ढिलाई बरतने वाले डॉक्टर और कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई होगी

उपलब्धियों और विवादों से भरा रहा कार्यकाल
एम्स में कार्यकारी निदेशक पद पर डाक्टर सुरेखा किशोर ने एक जून 2020 को ज्वाइन किया उनका कार्यकाल पांच साल का था वह एम्स ऋषिकेश में सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा की विभागाध्यक्ष थी कोविड-19 संक्रमण के दौरान उन्होंने एम्स का प्रभार लिया कोविड में वार्ड और टीकाकरण की शुरूआत की कोविड के दौर में हॉस्पिटल के पहले फेज और कोविड वार्ड का संचालन कराया ट्रामा और आपातकालीन विभाग को संचालित कराया कहा जा रहा है कि उनके दो पुत्रों की एम्स में तैनाती को लेकर कुछ शिक्षकों ने सीवीसी में कम्पलेन की थी सूत्रों की माने तो यही उनके पद से हटने का आधार बना है

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