Aligarh: धरने पर बैठे संघ और भाजपाई, शुरू कर दिया हनुमान चालीसा का पाठ
आईटीआई रोड निवासी ओमप्रकाश शर्मा संघ में महानगर सेवा प्रमुख हैं। उनकी एक मुकदमे में गवाही होनी है, जिसमें तलबी के बाद भी वह न्यायालय नहीं पहुंचे, तो उनके वारंट जारी हो गए। इसी वारंट के आधार पर हल्का चौकी प्रभारी अपने साथ सुबह करीब 10 बजे कुछ अन्य दरोगाओं और आधा दर्जन पुलिसवालों को लेकर उनके घर पहुंच गए। इल्जाम है कि पत्नी ने उनके पूजा करने की बात कही। उसे अनसुना कर पुलिसकर्मी उन्हें पूजा से ही उठाकर चल दी। कपड़े और चप्पल भी नहीं पहनने दी। बाद में वारंट दिखाने के बजाय मोबाइल में वारंट दिखाकर गिरफ्तारी और न्यायालय में पेश करने की बात कही। इल्जाम है कि इस दौरान खींचते और धकियाते हुए पुलिस स्टेशन ले गए। कुछ ही देर में यह समाचार बीजेपी और संघ नेताओं को लग गई।
पूर्व मेयर शकुंतला भारती सहित अनेक भाजपाई और संघ नेता पुलिस स्टेशन पहुंच गए। सीओ द्वितीय ने समझाने का कोशिश किया। मगर भाजपाई अमर्यादित व्यवहार करने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान एसपी सिटी वहां पहुंचे और नेताओं को शांत किया। उन्होंने बोला कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस का ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए खेद जताया। ओमप्रकाश को थाना प्रभारी की वाहन में बैठाकर सम्मान के साथ उनके घर पर छोड़ा गया। तब जाकर बवाल शांत हुआ। इस मुद्दे में आईटीआई चौकी प्रभारी अरविंद को लाइन हाजिर कर पूरे मुद्दे में जांच बैठाई गई है। इस मौके पर देवेंद्र हनुमान, रतन कुमार, सुधीर बी पॉजीटिव, संदीप कुमार, मुकेश राजपूत, गोपाल अग्रवाल, परख, दीपक शर्मा, मधुकर आदि अनेक संघ पदाधिकारी पहुंच गए थे।
अदालत में साक्ष्य पेशी पर न पहुंचने पर पुलिस जारी वारंट के आधार पर उन्हें लेकर आई थी। जो भी इल्जाम हैं, उनकी जांच कराई जा रही है। दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
विधायक ने दी चेतावनी
शहर विधायक मुक्ता संजीव राजा ने पुलिस के आला ऑफिसरों से वार्ता कर इस बात पर तीखे शब्दों में नाराजगी जताई और बोला कि बन्नादेवी में यह लगातार तीसरी घटना है। हर घटना में पुलिस की किरदार पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं, मगर कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बोला कि अब संघ नेता को इस व्यवहार के साथ उठाकर लाया जाना बहुत खेदजनक है। मुद्दा सीएम तक पहुंचाया जाएगा। तब जाकर पुलिस बैकफुट पर आती दिखी। बता दें कि इसी पुलिस स्टेशन में विधायक से अभद्रता के बाद राकेश सहाय वाला प्रकरण हुआ और अब ये प्रकरण हुआ। इसे लेकर बन्नादेवी पुलिस की किरदार पर लगातार प्रश्न खड़े हो रहे हैं।