उत्तर प्रदेश

अयोध्या में राम मंदिर के गर्भग्रह में स्थापित होगी रामलला की 51 इंच की मूर्ति

अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शिरकत करेंगे राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने वाली मूर्ति को लेकर भी अहम जानकारी साझा की है इस मूर्ति के संबंध में जानने और इसे देखने के लिए लोगों में बहुत उत्सुकता है

बता दें कि ‘राम लला’ की मूर्ति को कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है इस मूर्ति की लंबाई 51 इंच और इसका वजन 1.5 टन का है ये जानकारी न्यूज 18 ने साझा की है इस मूर्ति के संबंध में चंपत राय ने बोला कि मूर्ति की पूजा 16 जनवरी से प्रारम्भ हो जाएगी इसे 18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा राय ने बोला कि इस मूर्ति का निर्माण ऐसे पत्थर से किया गया है जिससे मूर्ति पर जल, दूध और आचमन का मूर्ति पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा

मूर्ति की लंबाई की है खासियत

चंपत राय ने कहा कि ईश्वर श्री राम की मूर्ति की लंबाई और इसकी स्थापना की ऊंचाई को लेकर काफी गहन चर्चा की गई है हिंदुस्तान के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की राय पर इस मूर्ति को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि राम नवमी को स्वयं ईश्वर सूर्य श्री राम का अभिषेक करें दरअसल गर्भग्रह में मूर्ति की स्थापना कुछ ऐसे की जाएगी की दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें सीधे रामलला के माथे पर पड़ेंगी जिससे उनकी मूर्ति चमक उठेगी

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंयरव्यू में चंपत राय ने बोला कि ईश्वर श्री राम लला की बनी मूर्ति पांच वर्ष के बच्चे के रूप में है यह प्रतिमा 51 इंच ऊंची है, जो काले पत्थर से बनी है और बहुत ही सुन्दर ढंग से बनाई गई है मूर्ति का चयन चेहरे की कोमलता, आंखों के भाव, मुस्कान और शरीर को ध्यान में रखकर किया गया है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कार्यक्रम से पहले प्रदर्शित की जाने वाली मूर्ति को कमल के आकार के मंच पर रखा जाएगा हालांकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आधिकारिक रूप से अबतक मूर्ति के संबंध में कोई घोषणा नहीं की है

इसी बीच एक मूर्तिकार चंद्रेश पांडे ने बोला है कि उनका डिज़ाइन दौड़ से बाहर है उन्होंने बोला कि इस मूर्ति को जयपुर में बनाया गया है उन्होंने बोला कि मूर्ति के निर्माण के लिए सबसे पहली शर्तों में ये भी बोला गया था कि केवल उसी डिजायन का चयन होगा जिसका निर्माण अयोध्या में किया जाएगा इस मूर्ति में बचपन के अंश के साथ ईश्वर राम और ईश्वर विष्णु की झलक देखने को मिलती है मैं अयोध्या में मूर्ति तैयार नहीं कर सका मगर मैंने इसे जयपुर में तैयार किया उन्होंने बोला कि मेरा डिजाइन दौड़ से बाहर है मगर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मेरी मूर्ति को स्वीकार किया गया है

उन्होंने बोला कि उपरोक्त शर्त के अतिरिक्त भी ये प्रतिमा स्थापित नहीं होगी क्योंकि ट्रस्ट किसी और मूर्ति को आखिरी रूप दे चुका है वहीं चंपत राय ने ये भी जानकारी दी है कि भव्य मंदिर की पहली मंजिल पर सीता, हनुमान और ईश्वर राम के भाइयों की मूर्तियां भी रखी जाएंगी हालांकि पहली मंजिल का काम पूरा होने में कम से कम आठ महीने का समय और लग सकता है

कर्नाटक को माना जाता है कि वो ईश्वर हनुमान की जन्मस्थली है वहीं ऐसी खबरें भी है कि कर्नाटक के ही एक मशहूर मूर्तिकार ने रामलला की मूर्ति का निर्माण किया है, जिसका चयन राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए किया गया है हाल ही में एक केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि “जहाँ राम हैं, वहाँ हनुमान हैं, अयोध्या में ईश्वर राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति के चयन को आखिरी रूप दे दिया गया है हमारे राष्ट्र के एक मशहूर मूर्तिकार, हमारे गौरवान्वित श्री @योगीराज_अरुण, उनके द्वारा बनाई गई ईश्वर राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी उन्होंने लिखा कि यह राम-हनुमान के अटूट संबंध का एक और उदाहरण है इसमें कोई गलती नहीं है कि यह हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए एक जरूरी सेवा है

बता दें कि राम मंदिर में कई तरह की मूर्तियों को लगाया गया है जो मूल रूप से हिंदू पौराणिक कथाओं से प्रेरित है इसमें ईश्वर विष्णु के ‘वाहन’ कहे जाने वाले हाथियों, शेरों, ईश्वर हनुमान और गरुड़ की मूर्तियां भव्य राम मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थापित किया गया है

Related Articles

Back to top button