उत्तर प्रदेश

मुख्‍तार अंसारी के गैंग के लिए कभी ऐशगाह थीं जेलें, फिर बनीं कब्रगाह

Mukhtar Ansari Gang: जरायम और राजनीति में बराबर का दखल रखने वाले मुख्तार अंसारी ने बाहुबल के दम पर विरोधी गिरोहों को दबाए रखा तो सिस्टम का भी मनमाफिक इस्तेमाल किया. किसी दौर में आईएस-191 गैंग के खास गुर्गे जेलों को ऐशगाह की तरह इस्तेमाल करते थे और यहां उन्हें हर सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी. मगर रैकेट फिर भी जेलों का तिलिस्म नहीं तोड़ सका. मुखिया समेत रैकेट के सभी ‘टॉपगन’ का अंत कारावास में ही हुआ.

28 मार्च की रात बांदा कारावास में मुख्तार की मृत्यु के बाद चार दशक से अधिक समय से चल रहे जरायम के एक अध्याय का समाप्ति हो गया. मुख्तार रैकेट ने जेलों को पुलिस और कानून के शिकंजे से बचने की स्थान के रूप में इस्तेमाल किया. दबिश और दबाव से बचने के लिए रैकेट के गुर्गे अक्सर पुराने मामलों में जमानत तोड़वाकर या नए मामलों में सरेंडर कर कारावास चले जाते थे. फिर यहीं से सारा कारोबार चलता था. मगर कारावास में ही एक-एक कर गुर्गों का सफाया हुआ और आतंक के साम्राज्य का अंतत: अंत हुआ.

2 मार्च 2005 : बनारस सेंट्रल कारावास में अन्नू त्रिपाठी की हत्या
बनारस के विश्वेश्वरगंज क्षेत्र का रहने वाले अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू उस जमाने में मुख्तार अंसारी गैंग का सबसे दुर्दांत शूटर था. दिसंबर-2002 में मलदहिया में अनिल राय की दिनदहाड़े मर्डर सहित उसने कई सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया. इसके बाद गाजीपुर कारावास में मुख्तार ने उसे ‘यमराज’ की उपाधि दी थी. अन्नू ही था जिसने पूर्वांचल में पहली बार कारावास में घुसकर मर्डर की थी. 13 मार्च-2004 को यह घटना बनारस जिला कारावास में उसने बाबू यादव के साथ अंजाम दी थी. दोनों ने पार्षद बंशी यादव को कारावास के गेट पर गोलियों से भून दिया था. इस मुद्दे में दिल्ली की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तारी के बाद अन्नू बनारस सेंट्रल कारावास लाया गया. दो मार्च-2005 को उसके जन्मदिन के अगले ही दिन सेंट्रल कारावास में उसे दूसरे कैदी ने गोलियों से भून दिया. उसकी पहचान संतोष गुप्ता किट्टू के रूप में हुई. बाद में वह भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.

8 जुलाई 2018 : बागपत कारावास में मुन्ना बजरंगी मारा गया
मुख्तार का डिप्टी कहलाने वाला मुन्ना बजरंगी जरायम जगत का सबसे घातक शूटर था. एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में नौ गोलियां लगने के बाद भी बच निकले बजरंगी ने नए शूटरों की एक फौज तैयार कर दी थी. जिसमें कृपा चौधरी, अन्नू त्रिपाठी, बाबू यादव, विश्वास नेपाली जैसे शूटर थे. एके-47 से घटना करने वाला बजरंगी अवधेश राय हत्याकांड, सुनील राय हत्याकांड के बाद विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड जैसे चर्चित मामलों में शामिल रहा. रैकेट पर शिकंजा कसा तो बजरंगी ने रणनीति के अनुसार कारावास में शरण ली. एसटीएफ ने उसी दौर में एक जांच रिपोर्ट में कहा था कि बजरंगी सुल्तानपुर कारावास में मोबाइल इस्तेमाल करता है और कारावास में असलहा भी रखे हुए है. मैनेजर तारिक और साले पुष्पजीत की लखनऊ में मर्डर के बाद वह काफी कमजोर हुआ. सुल्तानपुर कारावास से उसे रंगदारी के एक मुद्दे में बागपत कारावास ट्रांसफर किया गया और यहीं उम्रकैद के सजायाफ्ता गैंगस्टर सुनील राठी ने 8 जुलाई-2018 को उसकी मर्डर कर दी.

14 मई 2021 : चित्रकूट कारावास में मारा गया भाई मेराज
मुख्तार के आर्थिक साम्राज्य की देखरेख का काम भाई मेराज के जिम्मे था. फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मुद्दे में चर्चा में आने से पहले भाई मेराज के विरुद्ध कोई मुद्दा नहीं था. मगर मुख्तार अंसारी के चमड़ा, मछली और रियल इस्टेट के धंधों की देखरेख के साथ ही रंगदारी की धनराशि के कलेक्शन जैसे काम भी उसी के जिम्मे थे. 2021 में जैतपुरा पुलिस ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मुद्दे में उसे अरैस्ट किया. तीन महीने वाराणसी जिला जेल में रखने के बाद प्रशासनिक आधार पर उसका ट्रांसफर चित्रकूट जिला जेल में कर दिया गया. 14 मई-2021 को भाई मेराज को कारावास में ही अंशुल दीक्षित नामक कैदी ने गोली मार दी. उसने मेराज के साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुकीम काला की भी मर्डर की. जवाबी कार्रवाई में कारावास गार्ड ने उसे मार गिराया. इस काण्ड के बाद मुख्तार की कई बेनामी संपत्तियां, लेनदारियां और धंधे रैकेट के रडार से ही बाहर हो गए.

7 जून 2023 : लखनऊ न्यायालय संजीव जीवा की हत्या
पुलिस से बचने के लिए कारावास में ठिकाना बनाने की अंतिम प्रयास मुख्तार के विश्वस्त शूटर संजीव जीवा ने की. जीवा कृष्णानंद राय हत्याकांड में सात अन्य शूटरों के साथ बसनिया चट्टी में एके-47 से फायरिंग की थी. अरसे तक पुलिस से बचने वाला जीवा दबाव बढ़ने पर सेरेण्डर कर कारावास चला गया. हालांकि कारावास में शरण लेने की रैकेट की यह पुरानी जुगत उसके भी काम नहीं आई. 7 जून 2023 को पुलिस हिरासत में पेशी के दौरान लखनऊ न्यायालय परिसर में अज्ञात शूटर ने उसकी गोली मारकर मर्डर कर दी.

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