उत्तर प्रदेश

इन दस कांड से पूर्वांचल का मुख्तार बन गया गाजीपुर का अंसारी

पूर्वांचल के माफिया डॉन और पूर्व विधायक 61 वर्षीय मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. वह तीन वर्ष से बांदा कारावास में बंद थे और गुरुवार रात को तबीयत बिगड़ने पर बांदा मेडिकल कॉलेज लाए गए थे. मुख्तार अंसारी का जहां राजनीति में आने से नेता बने वहीं जरायम की दुनिया में घुसते ही माफिया डॉन हो गए. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय का बीच सड़क हत्या हुआ. इसमें मुख्तार अंसारी का नाम आया. लेकिन कृष्णानंद राय हत्याकांड से पहले और बाद में कई ऐसे क्राइम रहे जिन्होंने पूर्वांचल में मुख्तार की भय बढ़ाई थी.

– 1988 में मुख्तार का नाम क्राइम की दुनिया में पहली बार आया. मंडी परिषद की ठेकेदारी को लेकर लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय की मर्डर के मुद्दे में मुख्तार का नाम सामने आया था. 1990 में गाजीपुर में ब्रजेश सिंह गैंग से मुख्तार अंसारी की दुश्मनी प्रारम्भ हो गई थी.
– मुख्तार अंसारी ने 1990 में सीबीसीआईडी ​​ने विधायक रहते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था.
कांग्रेस पार्टी के नेता अजय राय के भाई की मर्डर की. अवधेश राय की 3 अगस्त 1991 की गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी. अवधेश राय कांग्रेस पार्टी नेता अजय राय के घर के बाहर खड़े थे. मारुती वैन में आए लुटेरों ने अवधेश राय पर गोलियों की बारिश कर दी थी.

– 1991 में चंदौली में मुख्तार पुलिस की पकड़ में आए थे, लेकिन इल्जाम है कि रास्ते में दो पुलिसकर्मियों को गोली मारकर वो फरार हो गया था. इसके बाद सरकारी ठेके, शराब के ठेके, कोयला के काले कारोबार को बाहर रहकर हैंडल करना प्रारम्भ कर दिया था.
– 1996 में एएसपी उदय शंकर पर जानलेवा हमले में उसका नाम एक बार फिर सुर्खियों में आया था. 1996 में मुख्तार पहली बार एमएलए बना था.
– 1997 में पूर्वाचल के सबसे बड़े कोयला व्यवसायी रुंगटा के किडनैपिंग के बाद उसका नाम अपराध की दुनिया में राष्ट्र में छा गया था.

वर्ष 2005 में मुख्तार अंसारी कारावास में बंद थे. इसी दौरान भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को उनके 5 साथियों सहित सरेआम गोलीमार मर्डर कर दी गई थी. मुख्तार पर इल्जाम था कि उन्होंने शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी और अतिकुर्रहमान उर्फ बाबू की सहायता से 5 साथियों सहित कृष्णानंद राय की मर्डर करवा दी थी.
– मऊ शहर के गाजीपुर तिराहे पर 29 अगस्त 2009 को अंधाधुन्ध गोली मारकर ठेकेदार मन्ना सिंह की मर्डर कर दी गई थी. इसमें मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया था.

– ठेकेदार हत्याकांड में मुख्य गवाह बने रामसिंह मौर्य को आरटीओ आफिस के पास से 19 मार्च 2010 को गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी. इसमें गवाह के साथ इसके अंगरक्षक सिपाही सतीश की भी मृत्यु हो गई थी.
– लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में साल 1999 में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के अनुसार एफआईआर दर्ज की गई थी. इसमें उसे साल 2022 में पांच वर्ष की सजा सुनायी गई थी. मुख्तार के विरुद्ध लखनऊ के विभिन्न थानों में आठ मुकदमे दर्ज हैं.

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