राष्ट्रीय

Ram Navami in Ram Mandir Ayodhya: जानें, किस ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम से जगमगा उठेगा भगवान का मस्तक

Ram Navami in Ram Mandir Ayodhya: आज रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा. जिसके लिए अयोध्या में खास तैयारियां भी की गई हैं. बता दें कि, आज साइंटिस्ट एक खास सिस्टम के जरिए रामलला का सूर्य तिलक करेंगे…

कानपुर (इंटरनेट डेस्क). Ram Lala Surya Tilak: अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से ये पहली रामनवमी है. आज रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा. जिसके लिए अयोध्या में खास तैयारियां भी की गई हैं. बता दें कि, आज साइंटिस्ट एक खास सिस्टम के जरिए रामलला का सूर्य तिलक करेंगे. इसे वैज्ञानिकों ने “सूर्य तिलक परियोजना” नाम दिया है. इस सूर्य तिलक परियोजना का मोटिव श्री रामलला की मूर्ति के मस्तक पर एक तिलक लगाना है, वो भी सूर्य की रौशनी का. बता दें कि, आज 12 बजकर 16 मिनट पर राम लाला का सूर्य तिलक किया जाएगा.

कई बार किया जा चुका है टेस्ट
सूर्य तिलक परियोजना के अनुसार अब से हर वर्ष चैत्र माह की रामनवमी पर दोपहर 12 बजे ईश्वर राम के मस्तक पर सूर्य तिलक किया जाएगा. बता दें कि, रामलला के मस्तक पर नियोजित तिलक का आकार 58 मिमी है. वहीं, मंदिर की तीसरी मंजिल से गर्भगृह तक सूर्य की रौशनी को पहुंचाने के लिए एक खास तंत्र बनाया किया है. रामलला के सूर्य तिलक के लिए राम मंदिर में ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम अप्रैल के पहले सप्ताह में ही इंस्टॉल कर लिया गया था. जिसके बाद उसे बार बार टेस्ट किया गया.

क्या है ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम?
पाणिग्रही के मुताबिक, ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम में चार मीडिया और चार लेंस होते हैं जो झुकाव तंत्र और पाइपिंग सिस्टम के अंदर फिट होते हैं. जिन्हें दर्पण और लेंस के माध्‍यम से सूर्य की किरणों को गर्भगृह की ओर मोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. अभी इस झुकाव तंत्र को अपर्चर के साथ ढक कर ऊपरी मंजिल पर रखा गया है. इस तंत्र में इस्तेमाल होने वाले दर्पणों और लेंसों बहुत उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं. वहीं सूरज की रोशनी के बिखरने से बचने के लिए पाइपों, कोहनियों और बाड़ों के इनर साइड पर एक काले पाउडर का लेप लगाया गया है.

Related Articles

Back to top button