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हर साल पूरे विश्व भर में मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस, जानें 16 नवंबर का इतिहास

राष्ट्रीय प्रेस दिवस(National press day)हर वर्ष 16 नवम्बर को पूरे विश्व भर में  मनाया जाता है.और हिंदुस्तान में  प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्‍तंभ बोला और माना जाता है. प्रेस की ताकत से बड़ी सी बड़ी गवर्नमेंट भी गलत काम करने से बचती है क्योंकी उन्हें पता रहता की यदि वो कोई गलत काम करेंगे तो प्रेस उनके गलत कामों को दुनिया के सामने ला देगी,जिसे उस गवर्नमेंट की छवी पर असर पडेगा.

राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुरुआत 

विश्व में  लगभग 50 राष्ट्रों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद है.लेकिन हिंदुस्तान में प्रेस को ‘वाचडॉग’कहा जाता है .वर्ष 1993 में(United Nations General Assembly) द्वारा प्रेस दिवस की घोषणा साल 1991 में यूनेस्को के आम सम्मेलन की सिफारिश के बाद की गई थी.
तो वहीं भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना  4 जुलाई 1966 को की गई थी ताकी हिंदुस्तान में  पत्रकारिता के ऊंचे आदर्श स्थापित हो सकें. लेकिन इस परिषद ने 16 नवम्बर 1966 से  वकायदा ढंग से काम करना प्रारम्भ किया. तब से हर वर्ष 16 नवम्बर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.

राष्ट्रीय प्रेस का उद्देश्य
यह दिन पत्रकारों को सशक्त बनाने के लिए स्वयं को समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है. हर राष्ट्र का  मूल्यांकन पाँच प्रासंगिक संकेतकों के इस्तेमाल से किया जाता है. जिसमें सियासी ,कानूनी ढँचा, आर्थिक ,सामाजिक-सांस्कृतिक और सुरक्षा संदर्भ  शामिल है.

भारतीय प्रेस परिषद 
Press Council of India एक वैधानिक निकाय है. जो मिडिया के संचालन का कार्य संभालता है.इसमे एक अध्यक्ष होते हैं,जो उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीश होते हैं. साथ ही 28 अन्य सदस्य भी इसमें शामिल होते हैं. इसमें से 20  प्रेस से होते हैं और पांच संसद के दोनों सदनों से नामित होते हैं साथ ही तीन अगुवाई करते हैं.

प्रेस की स्वतंत्रता
भारत में अनुच्छेद 19(1,A) बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की छूट देता हैं. यह सभी को भाषण, लेखन, मुद्रण अथवा किसी अन्य ढंग से स्वतंत्र रूप से विचारों  को व्यक्त करने का अधिकार प्रदान करता है. साथ अनुच्छेद 19(2) प्रेस को कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है. इस समय भारतीय प्रेस परिषद के अध्‍यक्ष एक स्त्री हैं जो पहली स्त्री अध्‍यक्ष हैं. इनकी  नियुक्ति 18 जून 2022 में PCI के अध्‍यक्ष पद पर की गई थी.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक
2023 विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में हिंदुस्तान का जगह 180 राष्ट्रों में से 161वां है.यह हिंदुस्तान में प्रेस की स्वतंत्रता में गौरतलब गिरावट को दर्शाता है.भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष से 11 जगह गिर गई है जब वह सूचकांक में 150वें जगह पर था.

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