स्वास्थ्य

पहले से पकाए गए फलों को खाने से बढ़ता है यूरिक एसिड

Ripened Fruits Side Effects: इन गर्मियों के मौसम में जिन फलों का आप लुफ्त उठा रहे हैं वो जहर का काम कर रहे हैं. सीजन से पहले आम आना, तरबूज बहुत अधिक मीठा होना, पपीते में बीज न होना, फल खरीदते वक़्त क्या आपने कभी इन चीज़ों पर गौर किया है? दरअसल फलों को शीघ्र पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है.

कैल्शियम कार्बाइड से फल केवल 3 दिन में पक जाता है. बैन होने के कारण बाज़ार में इसके रेट 2000 रूपए किलो हैं. FSSAI ने कार्बाइड के साइड इफेक्ट्स देखकर इसे बैन करने का निर्णय किया है. इससे पकाए जाने वाले फल खाने से आपको पेट संबंधी समस्या, उल्टी, चक्कर जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

हालांकि ये बीमारियां FSSAI द्वारा बताई गई हैं लेकिन पहले से पकाए गए फलों का सेवन और भी कई गंभीर रोंगों का कारण बन सकते हैं. इस बारे में वेबदुनिया ने डाइटिशियन डॉ प्रीति शुक्ला से बात की और जाना कि कैसे ये फल हमारी हेल्थ को बर्बाद कर रहे हैं.

वजन और यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या:

डॉ प्रीति ने कहा कि पहले से पकाए गए फलों को खाने से वजन कम नहीं होता बल्कि बढ़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ती है जिससे वजन भी बढ़ने लगता है. इस कारण से जायदा फल खाने से आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं. इतने अधिक फल और इनमें उपस्थित शुगर यूरिक एसिड को भी बढ़ाती है.

नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर की समस्या:

डॉ प्रीति के मुताबिक अधिकांश नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर के मुकदमा में सबसे बड़ा कारण फल ही है. अधिक फ्रूट्स खाने से लिवर में ग्लाइकोजन जमता है. ग्लाइकोजन जमने के कारण फैटी लिवर की परेशानी होती है.

स्किन के लिए भी खतरनाक:

हम अक्सर सोचते हैं कि फल खाने से हमारी स्किन ग्लोइंग और क्लियर बनेगी लेकिन ऐसा नहीं है. इन फलों को खाने से स्किन एलर्जी, एक्ने, मुंहासे, खुजली, सूजन, डैंड्रफ की परेशानी हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक शुगर खाने से शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ता है जिससे स्किन संबंधी समस्याएं होती हैं.

प्रेगनेंसी में डायबिटीज का खतरा:

डॉ प्रीति के मुताबिक प्रेगनेंसी में भी फलों का सिमित ही सेवन करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि केमिकल से पकाए गये फलों में बहुत अधिक मिठास होती है जिससे प्रेग्नेंट स्त्री में डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है. इस कारण से कई महिलाएं प्रेगनेंसी के बाद डायबिटीज की चपेट में आ जाती हैं.

हर दिन केवल इतने ग्राम खाएं फल:

डॉ प्रीति ने कहा कि प्रत्येक दिन केवल 100 ग्राम ही फल खाने चाहिए. सोशल मीडिया और इंटरनेट के कारण लोग फल को लेकर भ्रमित हो रहे हैं. कई लोग पूरे दिन केवल फल ही खाते हैं. एक साधारण आदमी को केवल 100 ग्राम फल की ही ज़रूरत होती है. जब भी फलों को खाएं तो उन्हें अच्छे से धोएं. साथ ही मोटे छिलके वाले फलों को हमेशा छीलकर ही खाएं.

कैल्शियम कार्बाइड के अतिरिक्त भी पपीता, आम और केले जैसे शीघ्र खराब होने वाले फलों को स्टोर करने के लिए ethylene गैस का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही लोकी जैसी सब्जियों को बड़ा करने के लिए ऑक्सीटोसिन नामक इंजेक्शन भी लगाया जाता है. इसलिए आर्गेनिक सब्जी या फल का सेवन ही आपकी हेल्थ के लिए बेहतर है. किसी भी चीज़ का ज़रूरत से अधिक सेवन न करें.

 

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