महाराष्ट्र विधानमंडल के शीत सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों ने किया चाय पार्टी का बहिष्कार और लगाया ये आरोप
नागपुर: महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र (Maharashtra Legislature Winter Session 2023) की आरंभ की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों ने बुधवार को यहां पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया और इल्जाम लगाया कि गवर्नमेंट कृषि संकट, दंगों और नशीला पदार्थ स्मग्लिंग से निपटने में विफल रही है। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने गवर्नमेंट पर निशाना साधने के लिए राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला दिया।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमें चाय पार्टी के लिए राज्य गवर्नमेंट का निमंत्रण मिला, लेकिन हमें लगता है कि इसमें शामिल होना अनुचित होगा। हमने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय किया है।” परंपरा के अनुसार, राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र हर वर्ष महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में आयोजित किया जाता है।
एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए, वडेट्टीवार ने दावा किया कि कृषि संकट और ऋण के कारण महाराष्ट्र में 22,746 किसानों ने खुदकुशी की है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार महाराष्ट्र में कृषि संकट का निवारण करने में विफल रही है। राज्य में बड़े पैमाने पर नशीला पदार्थ स्मग्लिंग पर कोई रोक नहीं है। एनसीआरबी के आंकड़े यह भी बताते हैं कि राज्य में (2022 में) दंगों के 8,218 मुद्दे दर्ज किए गए थे। ऐसे माहौल में, क्या हमारे राज्य में नया निवेश आएगा?” कांग्रेस पार्टी नेता ने इल्जाम लगाया कि राज्य गवर्नमेंट ने पिछले वर्ष फसल खराब होने से हानि झेलने वाले प्रत्येक किसान को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी नहीं दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह इस गवर्नमेंट ने 40 तहसीलों में सूखे की घोषणा की, इससे शक पैदा होता है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन तहसीलों का चयन कुछ राजनेताओं को ध्यान में रखकर किया गया है।”
इससे पहले दिन में, विपक्षी दलों ने शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए नागपुर में एक बैठक की। सत्र के दौरान अगले 10 दिनों में मराठा आरक्षण की मांग और फसल के हानि जैसे मामले हावी होने की आसार है। इस बैठक में पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण और वडेट्टीवार (दोनों कांग्रेस), विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे (शिवसेना यूबीटी) और राकांपा (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल और अनिल देशमुख शामिल हुए।