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ममता बनर्जी ने इन वजहों से ‘इंडिया’ गठबंधन से बनाई दूरी

नई दिल्ली: लगातार मिल रहे झटकों के बीच ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तरफ से ‘इंडिया’ गठबंधन (India Alliance) को बिजली सा तेज शॉक लगा है पश्चिम बंगाल की सीएम (Chief Minister of West Bengal) और तृण मूल काँग्रेस की मुखिया (TMC Chief) ममता बनर्जी ने ‘इंडिया’ गठबंधन को अलविदा कह दिया है ऐसे में सिर पर खड़े चुनाव के बीच ममता के इस निर्णय से ‘इंडिया’ गठबंधन के कदम डगमगाने की कगार पर खड़े है

मिडिया जानकारों की मानें तो वर्तमान में यदि पीएम मोदी का कोई मुकाबला करने का हौसला रखता है तो वह सिर्फ़ ममता बनर्जी ही है क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों ने यह साबित कर दिया दिया है ऐसे में ‘इंडिया’ गठबंधन के कमजोर पड़ने में कोई दो राय नहीं है वहीं अब ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में क्यों अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है ऐसे में जानते हैं कुछ प्रमुख कारण जिनकी वजह से ममता बनर्जी जैसी नरेंद्र मोदी की भिड़न्त विरोधी विपक्ष के गठबंधन से अलग हुईं

तो यह रही वजह…

  • 13 जनवरी को इण्डिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं
  • टीएमसी ने बैठक के आमंत्रण को अस्वीकार करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी के पहले से कार्यक्रम तय हैं
  • TMC को इस बात की नाराजगी थी कि कांग्रेस पार्टी ने समय से बैठक की जानकारी नहीं दी दरअसल इण्डिया गठबंधन में सारे निर्णय कांग्रेस पार्टी अपने सुविधानुसार लेती रही है
  • इसमें कांग्रेस पार्टी का मनमानापन कई बार झलकता रहा है कहा जा रहा है की पहले भी ममता बनर्जी से बिना राय मशविरा लिए जाति जनगणना कराने का वादा कर दिया गया था जो ममता बनर्जी को नागवार लगा था
  • मुंबई अधिवेशन के दौरान इण्डिया के मंच से राहुल गांधी ने जब अडानी पर धावा कहा था, उस पर भी ममता बनर्जी ने अपनी नाराजगी जताई थी
  • कांग्रेस के इस मनमानेपन से सभी दलों को नाराजगी रही है लेकिन ममता बनर्जी अपनी आदत मुताबिक बोल देती रहीं हैं वे किसी के दबाव में नही आतीं है
  • कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने मौके बेमौके ममता बनर्जी के लिए कुछ भी बोलते रहे हैं जो कई बार बहुत ही अपमानजनक बन जाता रहा है अन्य सहयोगी दलों के नेताओं के साथ भी यही हाल रहा है
  • ममता बनर्जी ने दो टूक कह रखा है कि कांग्रेस पार्टी 300 सीटों पर चुनाव लड़े और क्षेत्रीय दलों को अपने क्षेत्र में भाजपा से मुकाबला करने दिया जाए
  • उन्होंने यह भी बोला कि क्षेत्रीय दल एक साथ रहेंगे लेकिन साथ ही यह भी साफ किया कि यदि वह हस्तक्षेप करेंगे तो हमें फिर से विचार करना होगा
  • टीएमसी ने साफ किया था कि वह कांग्रेस पार्टी को दो सीटें देगी वास्तव में बंगाल में जितना बढ़िया मुकाबला तृण मूल काँग्रेस दे सकती है ,कांग्रेस नहीं दे सकती है

क्या यह नेता भी ‘इंडिया’ से मुंह मोड़ेगे?

ममता के परेशान होने के कारणों की समीक्षा करें तो पता चलता है की ये सब वही परेशानियां हैं जिसके चलते गठबंधन के दूसरे दलों के नेता भी परेशान हैं क्योंकि अभी तो ममता बनर्जी ने घोषणा किया है, आगे अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल , उद्धव ठाकरे आदि बहुत से लोग हैं जिनकी कठिनाई वही है जो ममता बनर्जी को गठबंधन में बने रहने को लेकर थी अब यह आने वाला समय ही बताएगा की कौन  ‘इंडिया’ को मजबूती देता है और कौन अपना दामन झटकता लेता है

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