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Lok Sabha Election 2024 : पिछले 25 साल से कांग्रेस इस सीट पर नहीं कर पाई वापसी

मुंबई: अहमदनगर (Ahmednagar) महाराष्ट्र (Maharashtra) का सबसे बड़ा जिला है और यह एक लोकसभा निवार्चन क्षेत्र भी है. यह नासिक डिवीजीन का हिस्सा भी है. अहमदनगर लोकसभा सीट महाराष्ट्र की जरूरी सीटों में से एक मानी जाती है. ये सीट वैसे तो कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है, लेकिन पिछले 25 वर्ष से कंग्रेस इस सीट पर वापसी नहीं कर पाई है. इस सीट पर अब 15 वर्ष भाजपा काबिज है.

46 वर्ष तक जीतती रही कांग्रेस 

अहमदनगर वो सीट जहां 46 वर्ष तक कांग्रेस पार्टी का एक छत्र राज रहा है. 1952 से लेकर 1998 तक इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का दबादबा काबिज रहा. 12 बार लगातार कांग्रेस पार्टी पार्टी यहां से जीत दर्ज की है. कांग्रेस पार्टी के बाद सबसे अधिक बार जीतने वाली पार्टी भाजपा है.

अहमदनगर सीट की ये है सियासी घटना क्रम-

अहमदनगर सीट पर 1952 में कांग्रेस पार्टी के उत्तमचंद आर बोगावत, 1957 में आरके खाडिलकर, 1962 में मोतीलाल फिरोदिया, 1967 में अनंतराव पाटिल, 1971 और 1977 में अन्नासाहेब शिंदे, 1980 में चंद्रभान अठारे पाटिल, 1984, 1989 और 1991 में यशवंतराव गडख पाटिल चुनाव जीते. 1994 के उपचुनाव में भी कांग्रेस पार्टी के प्रत्यासी मारुति देवाराम शेलके जीते. इसके बाद इन्हें 1996 के भी लोस चुनाव में कांग्रेस पार्टी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतारा गया.

शिवसेना ने किया ब्रेक

12 बार लगातार कांग्रेस पार्टी के इस जीत का क्रम 1998 में शिवसेना प्रत्यासी बालासाहेब विखे पाटिल ने तोड़ा. 1999 में इस सीट से भाजपा ने बाजी मारी. भाजपा प्रत्यासी दिलीप कुमार गांधी विजय हुए थे. 2004 में एनसीपी के झंडा गाड़ा. तुकाराम गडख यहां के सांसद बने.

चार बार जीत चुकी है बीजेपी

इसके बाद 2009 और 2014 में भाजपा के  दिलीप कुमार गांधी तीसरी बार और लगातार दूसरी बार अहमदनगर सीट के सांसद बने. 2019  में एक बाद फिर भाजपा इस सीट पर जीत तर्ज की और इस बार यहां के सांसद सुजय विखे पाटिल बने. इस तरह भाजपा अहमदनगर सीट पर अब  तक लगातार तीन बार और कुल चार बार बाजी मार चुकी है.

चौथे चरण में मतदान

लोकसभा चुनाव 2024 में अहमदनगर लोकसभा सीट से भाजपा अपना उम्मीदवार उतार चुकी है. महाराष्ट्र में इस सीट पर चौथे चरण में चुनाव होगा. इस सीट पर भाजपा ने एक बार फिर से सुजय विखे पाटिल पर भरोसा जताया है. उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.

वहीं अब देखना ये होगा कि क्या भाजपा एक बार फिर से  इस सीट पर कमल खिला कर ताजपोशी कर पाएगी या फिर विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन भाजपा के इस जीत के क्रम को ब्रेक कर देगी.  फिलहाल  कौन जीतेगा कौन हारेगा. ये तो 4 जून को  ही पता चल पाएगा.

बीजेपी का पलड़ा भारी

हालांकि इस सीट पर सियासी आकंड़ों को देखें तो भले से कांग्रेस पार्टी आजादी के शुरुआती 46 वर्षों से काबिज रही है, लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ चुनावों में वह वापसी करने में असफल रही, यहां तक कि लड़ाई में भी नहीं रही. दूसरी ओर एनसीपी भले लड़ाई में रही. भाजपा प्रत्यासी को भिड़न्त देते हुए दूसरे जगह पर रही.

एनसीपी के दो फाड़ होने से इसके भी जीत के चांसेस कम है. अन्य पार्टियां इस सीट पर खास कमाल करती नहीं दिखीं. ऐसे में तो यही है लगता कि एक बार फिर से सीट भाजपा की झोली में जाने वाली है.

6 विधानसभाओं का क्षेत्र

साल 2019 के संसदीय चुनाव में अहमदनगर लोकसभा सीट पर 18,61,396 मतदाता रहे. इनमें से 9,77,684 पुरुष मतदाता और 8,83,624 स्त्री मतदाता रहीं. इस लोकसभा में 6 विधानसभा आते हैं.  शेवगांव, राहुरी, पारनेर, अहमदनगर शहर, श्रीगोंडा और कर्जत जामखेड विधानसभा शामिल हैं. बता दें कि अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर करने की योजना चल रही है. महाराष्ट्र का अहमदनगर अब अहिल्यानगर के नाम से जाना जाएगा. इसे लेकर महाराष्ट्र कैबिनेट ने प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

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