लखीसराय: हाल ही में बीते दिन बिहार के लखीसराय जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई थी जहाँ प्रेम-प्रंसग के चलते गोलीबारी की गई है। ताबड़तोड़ गोलीबारी कर यहां छठ घाट से लौट रहे एक ही परिवार के 6 सदस्यों को गोली मारी है। गोलीबारी की इस घटना में 3 लोगों की मृत्यु हो गई है। मृतक लोगों में 2 सगे भाई सम्मिलित हैं। घटना कबैया थाना क्षेत्र के पंजाबी मुहल्ला की है। घटना से क्षेत्र में हडकंप मच गया है। सूचना प्राप्त होने पर बड़े आंकड़े में पुलिसफोर्स मौके पर पहुंचा है। लखीसराय एसपी के अनुसार, मुद्दा एक तरफा प्यार का कहा जा रहा है। जिसमें आशीष चौधरी नाम का लड़का अपने ही घर के सामने रहने वाली लड़की से प्यार करता था तथा उससे विवाह करना चाहता था। लड़की का परिवार इसका विरोध कर रहा था। इसी से नाराज होकर आज उसने लड़की के घर वालों पर फायरिंग की। कुछ दिन पहले भी इस परिवार से आशीष चौधरी का लड़ाई हुआ था।
वही अब इस ट्रिपल हत्या को लेकर एक चौंकाने वाला राज खुला है। लड़की ब्राह्मण और लड़का पासी था। लड़की के परिवार को यह रिश्ता नागवार गुजरा, मगर येन-केन-प्रकारेण दोनों ने विवाह रचा ली। प्रेमिका से पत्नी बनी दुर्गा झा जबतक साथ थी, आशीष चौधरी उर्फ छोटू का गुस्सा काबू में था। जब प्रेमिका ने दूसरे की तरफ रुख किया तो उसके परिवार वालों ने भी उसी का साथ दिया। इसी बहाने आशीष से दुर्गा की दूरी पर दोतरफा लड़ाई प्रारम्भ हुई। मगर, इस दूरी के लिए दुर्गा झा और उसका पूरा परिवार निशाने पर आ गया। लखीसराय में इस पूर्व प्रेमिका (चुपके से विवाह वाली) और उसके दो भाइयों की जान 9 एमएम पिस्टल से जान लेने वाला आशीष अबतक पुलिस हिरासत में नहीं आया है। इस हत्याकांड के लाइनर और हथियार मौजूद कराने वाले तक पुलिस पहुंच चुकी है, गिरफ्तारी भी दिखा रही है। मगर, सबसे अधिक कारन करने वाला है मर्डर के पहले आशीष के द्वारा लिखा गया लंबा पत्र…
आमतौर पर लोग खुदखुशी से पहले चिट्ठी लिखते हैं, मगर यह मर्डर के पहले लिखी गई चिट्ठी है। अब तक इस मुद्दे में प्रेमिका सहित 3 की मृत्यु हो चुकी है। कातिल आशीष चौधरी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है, मगर उसकी 15 पन्नों की चिट्ठी पुलिस ने मीडिया के सामने लाई है। यह एक कॉपी में लिखी गई चिट्ठी है, जिसमें 20 नवंबर 2023 की दिनांक के साथ लिखा गया है कि जो कुछ भी हुआ है या होगा उसका उत्तरदायी केवल मैं हूं और कोई नहीं। पत्र के आखिर में उसने लिखा है कि मन को स्थिर करने के लिए तीर्थ कर आया, लेकिन अब भी शांति नहीं मिली। अब तांडव होगा। इस पत्र में 14 मार्च 2021 से अपनी मानसिक कठिनाई का जिक्र करते हुए आशीष ने लिखा कि अब मेरे जीवन में कुछ नहीं बचा है। जर, जोरू, जमीन… कुछ नहीं मेरे पास। मेरे जीवन से मेरी बहुमूल्य मां चली गई, जो जड़ थी। जोरू यानी मेरी पत्नी ने मेरी जीवन नरक बना दी। और जोरू के लिए तनाव में मैंने जमीन बेच दी।
वही इस पत्र में आशीष ने लिखा है कि उसने दुर्गा झा से कैसे प्यार किया, कैसे पटना में उससे विवाह की, कैसे उसे ज्वेलरी शोरूम में जॉब दिलवाई। उसने यह भी लिखा है कि कैसे उसे पता चला की विवाह से पहले भी दुर्गा झा का किसी और से रिश्ता था। आशीष ने लिखा- उससे विवाह के बाद दुर्गा का किसी तीसरे से रिश्ता उसके सामने आया तो वह टूट गया। आशीष के मुताबिक, दुर्गा के जिस परिवार ने बाद में उसकी विवाह को स्वीकार कर लिया था, उसी परिवार के सदस्यों ने दूसरे लड़के के पक्ष में आकर मुझे वापस अकेला छोड़ दिया। आशीष के मुताबिक, जब दुर्गा ने 14 मार्च 2021 को पूरे मोहल्ले के सामने उसे गालियां दीं तथा यह बोला कि वह उसके साथ टाइम पास कर रही थी तो वह टूट गया।