सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस नेता के. कविता को जमानत देने से किया इनकार
उच्चतम न्यायालय ने बीआरएस नेता के। कविता को जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति भ्रष्टाचार मुद्दे में उन्हें पिछले दिनों अरैस्ट किया था जिसके बाद वो जमानत के लिए शीर्ष न्यायालय पहुंचीं थीं। न्यायालय ने बीआरएस नेता कविता से जमानत के लिए निचली न्यायालय में जाने को बोला है।
के। कविता के द्वारा दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने बोला कि उसे सभी के लिए एक समान नीति का पालन करना होगा। किसी को भी जमानत के लिए सीधे शीर्ष न्यायालय में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि यह एक सियासी मुद्दा है और के कविता एक सियासी शख्सियत हैं।
सुप्रीम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय से छह हफ्ते में उत्तर मांगा
सुप्रीम न्यायालय ने बीआरएस नेता कविता की उस याचिका पर जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय से छह हफ्ते में उत्तर मांगा है, जिसमें उन्होंने पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दी है।
हैदराबाद स्थित उनके आवास से अरैस्ट किया गया था के कविता को
के कविता की बात करें तो वह तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के साथ-साथ, विधान परिषद सदस्य की सदस्य भी हैं। 46 वर्ष की कविता को प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ दिन पहले हैदराबाद स्थित उनके आवास से अरैस्ट किया था। वह 23 मार्च तक जांच एजेंसी की हिरासत में हैं।
सुप्रीम न्यायालय में कपिल सिब्बल ने क्या कहा
सुप्रीम न्यायालय में कविता की ओर से पैरवी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे थे। उन्होंने पीठ ने बोला कि सरकारी गवाह के बयान को आधार बनाकर लोगों को अरैस्ट किया जा रहा है। पीठ ने इसपर बोला कि इस समय वह मुद्दे के गुण-दोषों पर विचार नहीं कर रही।
ईडी की ओर से क्या बोला गया
जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बोला गया है कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये का फायदा दिया गया है।