‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ सियासी परिदृश्य पर लिखेगी बदलाव का नया इंकलाब : जयराम रमेश
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को लगता है कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो इन्साफ यात्रा’ राजनीतिक परिदृश्य पर परिवर्तन का नया इंकलाब लिखेगी। क्योंकि उनकी यात्रा में युवा, आंदोलिन के पीड़ित लोग और पेपरलीक से परेशाल विद्यार्थी जुड़ रहे हैं। वो सभी अपनी मुकम्मल गारंटी राहुल गांधी में देखते हैं। यात्रा से कांग्रेस पार्टी को कितना होगा लाभ और आनें वाले चुनाव में कैसी रहेगी पार्टी की रणनीति, जैसे कुछ चुनिंदा सियासी मुद्दों पर पत्रकार डाक्टर रमेश ठाकुर ने उनसे वार्ता की। पेश हैं वार्ता के मुख्य हिस्से।
प्रश्नः क्या चुनावी पटल पर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो इन्साफ यात्रा’ इंपेक्ट डालेगी?
उत्तर- राहुल गांधी युवाओं की आशा ही नहीं, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की गारंटी हैं। पूरा राष्ट्र उनकी ओर टकटकी निगाहें लगाए बैठा है। ये दौर ऐसा है जब लोग डरे-सहमें हुए हैं। अपने हकों की जंग तक तक नहीं लड़ पा रहे हैं। कोई हौसला दिखाता भी है तो उसका चरित्र हनन कर दिया जाता है। स्त्री पहलवानों के साथ क्या हुआ, पूरे राष्ट्र ने देखा? राहुल गांधी ऐसे ही लोगों की आवाज बन रहे हैं। बिना डर-भय और निडरता से दुर्दांत परिस्थितियों का मुकाबला करते जा रहे हैं। राष्ट्र देख रहा है कि वो किस तरह से सच बोलने की मूल्य चुका रहे हैं। संसद की सदस्यता तक जा चुकी है। झूठे और तथ्यहीन मुकदमे लादे जाने के बावजूद भी बीजेपी उनके हौसले कमजोर नहीं कर पा रही। यात्रा का इंपेक्ट कितना पड़ेगा, इसकी हम परवाह नहीं करते? यात्रा का मकसद है, अन्याय के लिखाफ लोगों को लड़ने के लिए सतर्क करना। उन्हें संबल देना, हौसलाबुलंद कर, उनका सारथी बनना।
प्रश्नः यात्रा में युवाओं की संख्या अधिक दिख रही है?
उत्तर- जॉब मांगने वाले जो युवा पुलिस की लाठियां खाने को विवश हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक का दंश झेलने वाले विद्यार्थी और आंदोलित वो लोग जिन्हे केंद्र गवर्नमेंट और बीजेपी आतंकवादी कहते हैं, वो सब यात्रा में प्रतिभाग कर रहे हैं। राष्ट्र के हालात दयनीय होने के बाद भी केंद्र गवर्नमेंट कागजी वाहवाही लूटने में मस्त है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां की अंदरूनी रिपोर्ट भयभीत न करती हो। महंगाई आसमान छू रही है। बेरोजगारों की बड़ी फौज बीते 10 सालों में खड़ी हो गई। लेकिन केंद्र गवर्नमेंट होर्डिंग्स के जरिए ये बताती है कि उन्होंने लाखों-करोड़ों को नौकरियां दे डाली हैं। उनकी मांने तो उन्होंने प्रत्येक घर के एक बंदे को रोजगार दे दिया है। हास्यास्पद स्थिति बनीं हुई है, वित्तमंत्री कहती हैं केंद्र गवर्नमेंट ने तीन करोड़ लोगों के घर पक्के बनाए, तो वहीं पीएम उस आकंड़े में एक करोड़ और जोड़ देते हैं।
प्रश्नः एक वाजिब प्रश्न ये हैं, कांग्रेस पार्टी के पक्ष में इतना बड़ा जनसमूह होने के बाद भी मत पेटियां खाली क्यों रहती हैं?
उत्तर- मुख्य प्रश्न यही तो है। दरअसल, इसका उत्तर ईवीएम मशीन पर आकर ठहर जाता है। चुनावों में ईवीएम मशीनें का भाजपाइयों के पास मिलना और अभी हाल में चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी द्वारा वोटों की खुलेआम चोरी ने साबित कर दिया है कि बीजेपी चुनावों में बेईमानी करके जीतती है। हम तो पुरजोर आवाज उठा रहे हैं, बल्कि ईवीएम हटाओं अभियान भी छेड़ा हुआ है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं, यदि बैलेट पेपर से चुनाव हो जाए, तो बीजेपी 50 सीटें भी नहीं जीत पाएगी। तब आपको असल में दिखेगा कि राहुल गांधी की यात्रा का कितना इम्पेक्ट पड़ा।
प्रश्नः लोकसभा चुनाव के लिए क्या रणनीति रहेगी?
उत्तर- नयी रणनीतियों के साथ चुनाव में उतरेंगे। युवाओं पर अधिक फोकस करेंगे। यात्रा के जरिए हम लोगों का मिजाज परख रहे हैं। उनकी जरूरतें और आवश्यकताएं समझ रहे हैं। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो इन्साफ यात्रा’ के साथ मैं पहले दिन से हूं। मैंने इस बीच देखा कि लोग परिवर्तन के लिए कितने उतावले हैं। उनको केवल राहुल गांधी पर भरोसा है। क्योंकि वो शिक्षित हैं, बेबाक हैं, उर्जावान हैं, राष्ट्र के हालातों से वाकिफ हैं, सभी वर्गों से मिल रहे हैं। यात्रा के अनुभव से ही हम रणनीति में परिवर्तन करेंगे।
प्रश्नः इण्डिया गठबंधन अब किस स्थिति में हैं?
उत्तर- मजबूत स्थिति में है। यूपी-दिल्ली में सीट शेयरिंग होने के बाद बीजेपी में हड़कंप हैं। विपक्षी नेताओं को और परेशान करना प्रारम्भ कर दिया है। तभी, अखिलेश सिंह यादव को CBI का नोटिस भिजवा दिया। साथ ही ‘ऑपरेशन लोटस’ भी बीजेपी का तेज हुआ है। हिमाचल प्रदेश में किया था, वहां मुंह की खानी पड़ी। अब हमने इनके सभी ऑपरेशनों को धवस्त करने का तोड़ खोज लिया है। इनसे परेशान हो चुके इनके कुछ लोग हमारे पास आ चुके हैं। वो जानते हैं कि ये कितने कलाकार लोग हैं।